Monday, October 10, 2022

नहीं रहे धरतीपुत्र, आज सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस

धरतीपुत्र के नाम से विख्यात समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक श्री मुलायम सिंह यादव सोमवार 10 अक्टूबर 2022 को पूरे उत्तर प्रदेश को अपूरणीय क्षति देकर स्वर्गवासी हो गए। उन्होंने सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। श्री मुलायम सिंह यादव काफी समय से बीमार चल रहे थे, 82 वर्षीय श्री मुलायम सिंह यूरिन इन्फेक्शन के चलते 26 सितंबर से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे।मुलायम को 2 अक्टूबर को ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद ICU में शिफ्ट किया गया था। उन्हें यूरिन में इन्फेक्शन के साथ ही ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ गई थी। बाद में उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर मुलायम के निधन की जानकारी दी।युवा अवस्था में पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम सिंह ने 55 साल तक राजनीति की।मुलायम सिंह ने 1967 में 28 साल की उम्र में जसवंतनगर सीट से पहली बार विधायकी का चुनाव जीता था।

सोर्स : इंटरनेट 
नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह सात बार लोकसभा सांसद और नौ बार विधायक चुने गए। यहाँ ये बात गौर करने वाली है कि उनके परिवार में कोई राजनीतिक बैकग्राउंड से नहीं था।माननीय मुलायम सिंह 03 बार उत्तर प्रदेश के मुक्यमंत्री रहे 5 दिसंबर 1989 को मुलायम पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। बाद में वे दो बार और प्रदेश के CM रहे। उन्होंने केंद्र में देवगौड़ा और गुजराल सरकार में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली। मुलायम की पार्थिव देह सैफई ले जाई जाएगी। मंगलवार को दोपहर 3 बजे उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। 




उनके निधन से पूरा देश स्तब्ध हैराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन को देश के लिए ‘‘अपूरणीय क्षति’’ बताया। 

मुर्मू ने ट्वीट किया, ‘‘मुलायम सिंह यादव का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। साधारण परिवेश से आए मुलायम सिंह यादव जी की उपलब्धियां असाधारण थीं।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ ‘धरती पुत्र’ मुलायम जी जमीन से जुड़े दिग्गज नेता थे। उनका सम्मान सभी दलों के लोग करते थे। उनके परिवार-जन एवं समर्थकों के प्रति मेरी गहन शोक-संवेदनाएं।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ अपनी कई तस्वीरें पोस्ट कीं। लिखा- मुलायम जमीन से जुड़े नेता थे, जो लोगों की मुश्किलों को समझते थे। उन्होंने अपनी जिंदगी लोकनायक जयप्रकाश और डॉ. लोहिया के विचारों के लिए समर्पित कर दी। इमरजेंसी के दौरान वे लोकतंत्र के अहम सैनिक थे। रक्षा मंत्री के तौर पर उन्होंने सशक्त भारत के लिए काम किया।

प्रधानमंत्री ने लिखा- जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मेरी कई बार मुलायम सिंह यादव जी से बातचीत हुई। हमारा करीबी जुड़ाव चलता रहा और मैं हमेशा ही उनके विचार जानने के लिए तत्पर रहता था। मुलायमजी के निधन से मुझे दुख है। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाए हैं। ओम शांति..

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अखिलेश यादव को पत्र लिखा

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को पत्र लिखा। 

 

Friday, October 7, 2022

बेलारूस के ह्यूमन राइट्स एडवोकेट आलिस बिलिआत्स्के को वर्ष 2022 के शांति के नोबेल पुरस्कार से नवाज़ा गया

वर्ष 2022 के नोबेल पीस प्राइज की घोषणा कर दी गयी हैनॉर्वे की राजधानी ओस्लो में इस पुरस्कार का ऐलान किया गया।शांति पुरस्कार नॉर्वे में प्रदान किया जाता है। बाकी सभी कैटेगरीज के प्राइज स्टॉकहोम में दिए जाते हैं। नोबेल वीक 3 अक्टूबर को शुरू हुआ और 10 अक्टूबर तक चलेगा। 7 दिन में कुल 6 प्राइज अनाउंस होते हैं। इस साल के नोबेल पीस प्राइज (नोबेल शांति पुरस्कार 2022) के लिए एक व्यक्ति और दो संगठनों का चुनाव किया गया है।नोबेल कमेटी के मुताबिक- इस साल कुल 340 व्यक्ति या संस्थाओं ने शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेशन फाइल किए। इनमें 251 व्यक्ति और 92 ऑर्गनाइजेशन हैं।पिछले साल यानी 2021 में 329 नॉमिनेशन मिले थे। इस साल 343 का आंकड़ा नोबेल पीस प्राइज नॉमिनेशन के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके पहले 2016 में इस कैटेगरी के लिए 376 नॉमिनेशन प्राप्त हुए थे। इन नामों को 50 साल तक पब्लिक यानी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। इस बार बेलारूस के ह्यूमन राइट्स एडवोकेट आलिस बिलिआत्स्के को इस साल के नोबेल पीस प्राइज के लिए चुना गया है।

आलिस बिलिआत्स्के
आलिस ने 1980 में बेलारूस की तानाशाही के खिलाफ डेमोक्रेसी मूवमेंट का आगाज किया। आलिस आज भी अपने ही देश में सच्चा लोकतंत्र बहाल करने की जंग लड़ रहे हैं।आलिस ने विसाना नाम का संगठन तैयार किया। यह ऑर्गनाइजेशन जेल में बंद लोकतंत्र समर्थकों को कानूनी मदद मुहैया कराता है। 2011 से 2014 तक आलिस जेल में रहे। 2020 में उन्हें फिर अरेस्ट कर लिया गया और अब तक जेल में हैंआलिस के अलावा रशियन ह्यमून राइट्स ऑर्गनाइजेशन मेमोरियल और यूक्रेनियन ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज को दिया गया है। ये दोनों ही संस्थान मानवाधिकार के लिए काम करते हैं। रूस का ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन मेमोरियल 1987 में बना था। इसके फाउंडर मेंबर्स में नोबेल पीस प्राइज विजेता एंद्रेई सखारोव और ह्यूमन राइट्स एडवोकेट स्वेतलाना गनुशकिना भी थे।यह दौर उस समय का है जब सोवियत संघ अस्तित्व में था।सोवियत संघ के 15 हिस्सों में बिखरने के बाद यह रूस का सबसे बड़ा मानवाधिकार संगठन बना। इसने स्टालिन के दौर से अब तक पॉलिटिकल प्रिजनर या राजनैतिक कैदियों के लिए आवाज उठाई। रूस ने जब चेचेन्या पर हमला किया और 2009 में इस संगठन की नतालिया एस्तेमिरोवा मारी गईं तो इस संगठन ने विश्व स्तर पर आवाज उठाई। रूसी सरकार इसे विदेशी जासूसों का संगठन बताती है। सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज, यूक्रेन की राजधानी कीव में 2007 में बना। मकसद यूक्रेन में लोकतंत्र को मजबूत करना था। इस संगठन का कहना है कि यूक्रेन में अब भी सही मायनों में लोकतंत्र मौजूद नहीं है। इस ऑर्गनाइजेशन की मांग है कि यूक्रेन को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का हिस्सा बनना चाहिए। इसी साल फरवरी में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो इस संगठन वॉर क्राइम के मामलों की जांच की। अब यह मामले इंटरनेशनल कोर्ट में दायर किए जा रहे हैं।
3 अक्टूबर को शुरू हुए नोबेल पुरस्कार वीक में साल 2022 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार फ्रांस की लेखिका 82 साल की एनी एर्नेक्स को दिए जाने का ऐलान किया गया है। एनी ने करीब 40 किताबें लिखी हैं। इनमें से 90% फ्रेंच में है। कुछ का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। इनमें पैशन सिम्पल, ला पैलेस, द इयर्स, ए फ्रोजन वुमन, हैपनिंग्स और डू वॉट ऑर द एल्स शामिल हैं।







Thursday, October 6, 2022

07 अक्टूबर, 2022 तक भर सकते हैं गेट 2023 के एप्लीकेशन फॉर्म्स

GATE Aspirants के लिए गेट 2023 एग्जाम में रजिस्ट्रेशन की कल यानि 07 अक्टूबर, 2022 लास्ट डेट है।इसके पहले लास्ट डेट 04 अक्टूबर थी कैंडिडेट्स अब बिना लेट फीस के साथ इस परीक्षा के लिए 07 अक्टूबर, 2022 तक अप्लाई कर सकते हैं। लेट फीस के साथ लास्ट डेट 14 अक्टूबर निर्धारित की गयी हैमहिला / एससी / एसटी / पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए गेट 2023 की रजिस्ट्रेशन फीस 850 रुपये है। जबकि अन्य सभी उम्मीदवारों को गेट 2023 आवेदन पत्र जमा करने के लिए 1,700 रुपये देना होगा।इस बार गेट 2023 परीक्षा का आयोजन 4, 5, 11 और 12 फरवरी को होगा। यह एग्जाम कंप्यूटर आधारित परीक्षा यानी कि (सीबीटी) मोड में की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए इंडियन इंस्ट्टीयूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर की ऑफिशियल वेबसाइट https://www.iitk.ac.in विजिट की जा सकती है। 

ऑनलाइन ऐसे करें आवेदन

  1. www.gate.iitk.ac.in पर क्लिक करें।
  2. सभी इम्पोर्टेन्ट डिटेल्स के साथ गेट आवेदन पत्र 2023 भरें।
  3. स्कैन डॉक्यूमेंटंस की गई कॉपी को अपलोड करें।
  4. ऑनलाइन मोड में गेट रजिस्ट्रेशन फीस भरें।
  5. गेट 2023 के भरे हुए आवेदन पत्र को एक बार चेक कर लें।
  6. गेट रजिस्ट्रेशन 2023 जमा करें।
  7. लास्ट में फ्यूचर में कोई प्रॉब्लम न आये इसके लिए एक प्रिंटआउट जरूर लें।



साल 2022 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार फ्रांस की एनी एर्नेक्स को

3 अक्टूबर को शुरू हुए नोबेल पुरस्कार वीक में साल 2022 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार फ्रांस की लेखिका 82 साल की एनी एर्नेक्स को दिए जाने का ऐलान किया गया है। एनी ने करीब 40 किताबें लिखी हैं। इनमें से 90% फ्रेंच में है। कुछ का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। इनमें पैशन सिम्पल, ला पैलेस, द इयर्स, ए फ्रोजन वुमन, हैपनिंग्स और डू वॉट ऑर द एल्स शामिल हैं।नोबेल पुरस्कार  की वेबसाइट के मुताबिक- एनी बहुत आसान भाषा में गंभीर मुद्दों पर बात करती हैं और उनके लेखन में साहस के साथ साथ संवेदना भी नजर आती है।एनी ने अपने साहित्य में समाज के हर वर्ग और तबके को शामिल किया है। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में नोबेल प्राइज वीक 2022 के चौथे दिन इस प्राइज का ऐलान किया गया। 7 दिन चलने वाले इस इवेंट में कुल 6 प्राइज अनाउंस होते हैं। सबसे आखिर में इकोनॉमिक्स कैटेगरी का नोबेल अनाउंस किया जाता। इस सप्ताह सिर्फ पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति या संस्थान के नामों का ऐलान होगा। दिसंबर में इन्हें प्राइज दिए जाएंगे।कोविड की वजह से 2020-21 के विजेता स्टॉकहोम नहीं पहुंच पाए थे। कमेटी ने इस बार इन दो साल के विजेताओं को भी स्टॉकहोम इनवाइट किया है।


Monday, October 3, 2022

नहीं मिल रहे हैं विस्टाडोम कोच को पैसेंजर्स।


बहुत ज़ोर शोर से शुरू किया विस्टाडोम कोच आज यात्रियों के बिना अपने सफ़र पर अग्रसर है। रानी कमलापति और जबलपुर के बीच चलने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रियों को लुभाने के लिए विस्टाडोम कोच लगाया गया था। लेकिन अधिक किराये की वजह से यह कोच यात्रियों की बेरुख़ी का शिकार है। नर्मदा प्रदेश के रिपोर्टर ने आज रानी कमलापति स्टेशन से होशंगाबाद के बीच सफ़र किया तो कुल 06 यात्री पूरे डिब्बे में यात्रा करते हुए दिखायी दिये। रेलवे यात्री किराए में कमी करके इस डिब्बे में यात्रियों की संख्या बढ़ा सकता है।


सात साल बाद टीम इंडिया ने जीती अफ्रीका से घरेलू टी-20 सीरीज

टीम इंडिया ने आज अपने घर में नया रिकॉर्ड बना दिया आज हुए हाई स्कोरिंग मैच में साउथ अफ्रीका को 16 रन से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है। भारतीय टीम पहली बार साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत में कोई टी-20 सीरीज जीतने में कामयाब हुई है। टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए भारत ने 20 ओवर में 3 विकेट खोकर 237 रन बनाए। जवाब में साउथ अफ्रीका ने भी पूरा जोर लगाया लेकिन टीम 3 विकेट पर 221 रन ही बना पाई। इस मैच में बल्लेबाजों का बोलबाला रहा। भारत की ओर से केएल राहुल (57), रोहित शर्मा (43), सूर्यकुमार यादव (61) और विराट कोहली (49) ने शानदार बल्लेबाजी की। वहीं, साउथ अफ्रीका के लिए डेविड मिलर ने शानदार शतक जमाया और नाबाद 106 रन बनाए। क्विंटन डिकॉक भी 69 रन बनाकर नाबाद रहे।


Sunday, October 2, 2022

चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह। जिनको कछु न चाहिए, वे साहन के साह: दिग्गी राजा पूर्व मुख़्यमंत्री, मध्य प्रदेश


ऊपर लिखा रहीम का यह दोहा का कांग्रेस नेता  दिग्विजय सिंह ने कल ट्वीट किया जिसका अर्थ होता है 
 जब किसी बात की चाहत खत्म हो जाए तो मन बेपरवाह हो जाता है। जिसे कुछ नहीं चाहिए होता वही राजाओं के राजा होते हैं।

दिग्गी राजा का यह ट्वीट उनके दुःख को बयां करता है जो कोंग्रेसियों ने उन्हें क्योंकि गहलोत एपिसोड के बाद कांग्रेस प्रेसिडेंट की पोस्ट के वह सबसे बड़े दावेदार बनकर उभरे थे । जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि  शुक्रवार को जैसे ही  राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष (इस पद से इस्तीफा दे चुके हैं) मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने सहमति दी, तो दिग्विजय सिंह इस रेस से हट गए थे। इतना ही नहीं, वे खड़गे के प्रस्तावक भी बने हैं। बता दें कि शुक्रवार को सबसे ज़्यादा चर्चा इस बात पर हो रही थी कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के मुकाबले से आखिरकार दिग्विजय सिंह पीछे क्यों हट गए? उन्होंने नामांकन का पर्चा लिया था लेकिन उसे जमा नहीं किया। अगले ही दिन यानी शनिवार को उन्होंने अपनी भावनाएं रहीम के एक दोहे के बहाने बयां की।

Featured Post

RBI ने गोल्ड लोन नियमों में किया बड़ा बदलाव, अब 1 लाख रुपए की गोल्ड वैल्यू पर 85,000 रुपए तक का मिल सकेगा लोन

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। रिजर्व बैंक ने 2.5 लाख रुपए तक के गोल्ड लोन पर लोन-टू-वैल्यू (LTV) रे...