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Saturday, July 17, 2021

(Artificial Intelligence) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस & ( Machine Learning ) मशीन लर्निंग और Cyber Security (साइबर सिक्योरिटी) में M.TECH करने का सुनहरा

Indian Institute of Information Technology,IIITs (भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान), Sri City Chittoor (IIITS) कम्प्यूटर साइयन्स और इससे सम्बंधित subjects से ग्रैजूएशन करने वाले स्टूडेंट्स को Artificial Intelligence (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) & Machine Learning (मशीन लर्निंग) और Cyber Security (साइबर सिक्योरिटी) में  M.TECH करने का  करने का बेहतरीन मौक़ा दे रहा है l भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, श्री सिटी चित्तूर (IITS) राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। IIITs चेन्नई से 60 KM की दूरी पर नेल्लोर नैशनल हाइवे पर स्थित है। संस्थान से निकटतम हवाई अड्डे चेन्नई (70 KM) और तिरुपति (70 KM) दूर हैं। इस संस्थान की स्थापना भारत सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश सरकार और दूसरे इंडस्ट्री पार्ट्नर के साथ मिलकर श्री सिटी फाउंडेशन द्वारा एक सार्वजनिक-निजी-साझेदारी (पीपीपी) संस्थान के रूप में की गई थी।

IIITs, Sri City Chittoor 

IIITS कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग के क्षेत्रों बी.टेक, एम.टेक, एम.एस. प्रदान करता है। ऑनलाइन मोड से  इन कोर्सेज़ में admission लेने की last डेट 07 अगस्त है। गेट (GATE) श्रेणी के तहत CCMT (सीसीएमटी) के माध्यम से Admission लेने वाले सभी छात्रों को CCMT (सीसीएमटी) के नियमों के अनुसार स्कॉलरशिप दी जाएगी। र्तमान में गेट (GATE) के छात्रों को 12400/- रुपये प्रति माह स्कॉलरशिप  मिलेगी 

बिना GATE वाले outstanding स्टूडेंट्स को भी टीचिंग असिस्टेंट के ज़रिए स्कॉलरशिप ऑफ़र की जा सकती है।


Wednesday, July 14, 2021

10वीं में इस साल शत प्रतिशत रिज़ल्ट, असंतुष्ट छात्र 1 से 25 सितम्बर के बीच होने वाली विशेष परीक्षा में हो सकते हैं शामिल

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने आज शाम 4 बजे सिंगल क्लिक से 10वीं का रिजल्ट कर दिया है प्रदेश में पहली बार 10वीं क्लास में एक भी स्टूडेंट फेल नहीं हुआ। इस साल करीब साढ़े 10 लाख स्टूडेंट्स परीक्षा में बैठे थे । इसमें से 3 लाख 56 हजार 582(39%) फर्स्ट, 3 लाख 97 हजार 762 (43.50%) सेकेंड और 15 हजार 871 (17.48%) छात्र थर्ड डिवीजन पास हुए हैं। हालांकि जो भी बच्चे इस रिजल्ट से खुश नहीं हैं, वे आगामी विशेष  परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। यह विशेष परीक्षा 1 से 25 सितंबर के बीच आयोजित की जाएगी। 

अपना रिजल्ट जानने के लिए नीचे दीं गयी लिंक पर क्लिक करें - 

https://mpbse.mponline.gov.in/Result/Index?crslttenc=4w5ZtnSWGE2apIFLr3QjxLIBSBKYMeOhbKXWxcxc=



आज शाम 4 बजे जारी होगा 10वीं का रिज़ल्ट । रिज़ल्ट से ना ख़ुश बच्चे आगामी परीक्षा में हो सकते हैं शामिल।

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार माध्यमिक आज शाम 4 बजे सिंगल क्लिक से 10वीं का रिजल्ट जारी करेंगे। इस बार 10वीं में एक भी स्टूडेंट फेल नहीं होगा। 


रिजल्ट mpbse.nic.in , mpresult.nic.in और mpbse.mponline.gov.in 
पर देखा जा सकता है

Tuesday, July 13, 2021

30 जुलाई 2021 तक ले सकते एडवांस सर्टिफिकेट इन प्रिसिज़न इंजीनियरिंग में Admission.

भोपाल के गोविंदपुरा स्थित ग्लोबल स्किल पार्क में एडवांस सर्टिफिकेट इन प्रिसिज़न इंजीनियरिंग में Admission स्टार्ट हो गए हैं प्रेसिजन इंजीनियरिंग एक मल्टी डिसिप्लिनेरी स्टडी है जिसमें हाई लेवल की accuracy और डिज़ाइन metrology शामिल रहती है। यह कोर्स mechanical engineering के स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही उपयोगी है।Admission की last date 30 जुलाई 2021 है इच्छुक आवेदक www.globalskillspark.mp.gov.inपर नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन करा सकते है। 


Friday, July 9, 2021

मास्टर ओफ़ टेक्नॉलोजी (MTech) का नया कोर्स (डिफेंस टेक्नोलॉजी) लॉंच किया AICTE ने, नया कोर्स एआईसीटीई से संबद्ध सभी संस्थानों में होगा स्टार्ट l

 डिफेंस टेक्नोलॉजी में एमटेक का नया कोर्स स्टार्ट किया AICTE ने

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (All India Council for Technical Education, AICTE) ने मास्टर ओफ़ टेक्नॉलोजी  (MTech)  का  नया कोर्स लॉंच किया है  यह  कोर्स वर्तमान समय की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर स्टार्ट किया जा रहा है ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (All India Council for Technical Education,  AICTE) ने कल यानी कि 08 जुलाई, 2021 को वर्चुअल मोड में डिफेंस टेक्नोलॉजी में एमटेक कोर्स लॉन्च किया है। इस पीजी प्रोगाम के माध्यम से स्टूडेंट्स को कॉम्बैक्ट वैक्ल्स इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी, कम्युनिकेशन सिस्टम एंड सेंसर, और डायरेक्टड एनर्जी टेक्नोलॉजी, नेवल टेक्नोलॉजी एंड हाई एनर्जी मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित किया जाएगा। एआईसीटीई ने इस संबंध में एआईसीटीई ने एक ट्वीट से यह इन्फ़र्मेशन दी कि  रक्षा प्रौद्योगिकी में एमटेक प्रोग्राम लॉन्च 8 जुलाई, 2021 शाम 4 बजे किया जाएगा। कोर्स से जुड़ी ज्यादा डिटेल्स ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगी रक्षा प्रौद्योगिकी में एमटेक प्रोग्राम एआईसीटीई से संबद्ध सभी संस्थानों में स्टार्ट किया जाएगा।इसके अलावा हाल ही में, एआईसीटीई ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के सहयोग से 'इनोवेशन एंबेसडर प्रोग्राम' शुरू करने की घोषणा की थी। इस कार्यक्रम के तहत 50,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कार्यक्रम की शुरुआत 16 जुलाई से होगी। इस प्रोगाम का मकसद है कि छात्र-छात्राओं के भीतर प्रोब्लम सोल्विंग और क्रिटिकल थिंकिंग जैसे गुणों को विकसित करने के उद्देश्य से अध्यापकों को ट्रेंड करना है। 



Wednesday, July 7, 2021

जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में अमृत महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ, विश्व-स्तरीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापित होगा जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के ख्याति प्राप्त तकनीकी कालेजों में से एक जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के गौरवशाली 75वें वर्ष में प्रवेश पर अमृत महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है अमृत महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की ओर एक कदम "सृजन"  के तहत स्थापित सेन्टर फॉर इन्क्यूबेशन डिजाईन एण्ड इनोवेशन और नवीन टीचिंग ब्लॉक का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के अमृत महोत्सव में शामिल होना मेरे लिये भी सौभाग्य का क्षण है। यह एक ऐतिहासिक अवसर है। इस कॉलेज ने कई नेशनल और इंटरनेशनल पर्सनेलिटीज दी हैं। कार्यक्रम में जबलपुर के प्रभारी मंत्री एवं लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव और तकनीकी शिक्षा, खेल-युवा कल्याण, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया भी मौजूद रहीं। 

विश्व-स्तरीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापित होगा जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जबलपुर की इस धरोहर को हम विश्व-स्तरीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापित करने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जेईसी में स्नातक स्तर पर दो नवीन शाखाओं को प्रारंभ करने की जरुरत है। इसके लिये हमने वर्कआउट किया है। यहाँ आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स एवं डेटा साईंस और मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की शाखाएँ प्रारंभ की जायेंगी।

औद्योगीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से किया जा रहा है कार्य 

मुख्यमंत्री श्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के युवा इंजीनियरिंग छात्रों के साथ संवाद भी किया। संवाद के दौरान एक छात्रा ने प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने संबंधित सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारें में प्रश्न किया  इस पर श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। औद्योगिक निवेश के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने की सतत् रूप से कोशिश की है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में हमने "स्टार्ट योर बिजनिस इन थर्टी डेज" की योजना भी बनाई है। अभी हमारे एमएसएमई के 13 नये क्लस्टर स्वीकृत हुए हैं और इनकी संख्या हम लगातार बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

तीन इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनेगें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अभी तीन इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाने का फैसला भी लिया है। पहला अटल एक्सप्रेस-वे, दूसरा जबलपुर-रीवा-सतना होते हुए सिंगरौली तक अलग-अलग इण्डस्ट्री के लिये कॉरीडोर स्थापित करना और तीसरा नर्मदा एक्सप्रेस-वे है। नर्मदा एक्सप्रेस-वे को हम अमरकंटक से प्रारंभ कर जबलपुर होते हुए गुजरात की सीमा तक ले जायेंगे और जगह-जगह लघु उद्योग, कुटीर उद्योग और बड़े निवेश के लिये औद्योगिक क्लस्टर का निर्माण करने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रश्न के जवाब के दौरान युवाओं से रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनने का आव्हान भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इसके लिये राज्य सरकार युवाओं का हर संभव सहयोग करेगी। हमने फाईनेन्शियल सपोर्ट के लिये पूर्व में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना बनाई थी। इसको हम पुनर्जीवित करेंगे और अपने बेटे-बेटियों के लिये उद्योग लगाने के अवसर पैदा करेंगे।
जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज का होगा सर्वांगीण विकास

इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती सिंधिया ने भी जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कॉलेज के सर्वांगीण विकास के लिये सभी को ऊर्जा के साथ काम करना होगा ।साथ ही उन्होंने कहा कि हम  जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को इंटरनेशनल स्तर पर लाने की दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हमेशा हमें एजुकेशन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिये प्रेरित किया है। उनके मार्गदर्शन में ही हम बच्चों को स्वयं का उद्यम स्थापित करने की दिशा में आगे ले जा रहे हैं। इस कॉलेज को ऐसा स्थापित करने का प्रयास करेंगे जिससे इसका नाम सभी की जुबान पर हो।

'आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश' अभियान के तहत 107 शासकीय महाविद्यालयों में 177 डिप्लोमा और 282 सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम होंगे प्रारंभ l

आगामी शिक्षा सत्र से 'आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश' अभियान के तहत 107 शासकीय महाविद्यालयों में 177 डिप्लोमा और 282 सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों का शुभारम्भ किया जायेगा। सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की अवधि छह माह होगी।विद्यार्थी महाविद्यालयों में अपनी डिग्री करते हुए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम कर सकते हैं। डिप्लोमा के कोर्स एक साल के होंगे और इन्हें अलग से करना होगा।ये सभी कोर्स मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा को और अधिक रोजगारोन्मुखी बनायेंगें l


उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव 
ने कहा कि विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के कौशल विकास में मदद करेंगे। स्थानीय उद्योगों की आवश्यकता और विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। विद्यार्थियों को उद्योगों में इंटर्नशिप एवं अप्रेंटिसशिप की व्यवस्था भी की जाएगी।

 इन विषयों में प्रारंभ होंगे सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम

इस सूची में 15 सर्टिफिकेट और 15 डिप्लोमा पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो मध्य प्रदेश में पहली बार प्रारंभ किए जा रहे हैं। हर्बल एंड ऑर्गेनिक फार्मिंग प्रोडक्ट्स, कल्टीवेशन प्रोसेसिंग एंड मार्केटिंग ऑफ मेडिसिनल प्लांट, जीएसटी एंड इनकम टैक्स, लैबोरेट्री मैनेजमेंट, वर्मी कंपोस्टिंग एंड हॉर्टिकल्चर, योग ट्रेनिंग, न्यूट्रिशन एंड चाइल्ड केयर, सिक्योरिटी सर्विस, जियो इनफॉर्मेटिक्स, टैक्सटाइल टेक्नोलॉजी, एनवायरमेंट एसेसमेंट, एनजीओ मैनेजमेंट, वैदिक मैथमेटिक्स, इंडस्ट्रियल सेफ्टी रूल्स, एंब्रॉयडरी एंड टेलरिंग विषयों में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम प्रारंभ होंगे।

इसके अतिरिक्त डिजास्टर मैनेजमेंट, साइक्रोमेट्रिक टेस्टिंग इन काउंसलिंग एंड क्लिनिकल साइकोलॉजी, ह्यूमन राइट्स 

एंड कॉन्स्टिट्यूशन, आर्कियोलॉजिकल साइंस, डिजाइनर फ्लावर पॉट मेकिंग एंड वुड कार्विंग, गाइडेंस एंड काउंसलिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, कम्युनिकेशन एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी स्किल्स, नर्सरी एंड फ्लोरीकल्चर, क्रिएटिव स्किल्स, सोइल टेस्टिंग, इंडस्ट्रियल वर्क एंड मैनेजमेंट सिस्टम, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट, मीडिया एस्थेटिक्स, 


कम्प्यूटर हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग विषयों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जायेंगे। उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने की भी तैयारी चल रही है।

Tuesday, June 29, 2021

मध्यप्रदेश में तीसरी लहर की आहट भी हो तो सुनाई देनी चाहिए l

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के प्रति हमें इतना चौकन्ना रहना है कि प्रदेश में यदि तीसरी लहर की आहट भी हो तो हमें सुनाई देनी चाहिए। 

इसके लिए अधिक से अधिक संख्या में कोरोना टेस्ट किए जाना तथा कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग अनिवार्य हैं, जिससे हर मरीज की तुरंत पहचान कर उसे आइसोलेट कर उसका उपचार किया जा सके। इस कार्य में थोड़ी भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण में मध्यप्रदेश देश के समस्त राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 32वें स्थान पर है। संक्रमण न्यूनतम स्तर पर है, परंतु हमें बिल्कुल भी असावधानी नहीं करना है। कोविड अनुकूल व्यवहार करना है तथा कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन करना है।

 मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वैक्सीनेशन महाअभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश में तेज गति से वैक्सीनेशन चल रहा है। वैक्सीनेशन के मामले में मध्यप्रदेश का देश में चौथा स्थान है। प्रदेश में 18+ के 33% व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा चुका है, जबकि गुजरात और राजस्थान में 40% तथा कर्नाटक में 38% पात्र जनसंख्या का टीकाकरण किया जा चुका है।मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं वैक्सीनेशन कार्य की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।मध्यप्रदेश में 18+ से अधिक के व्यक्तियों को 2 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोजेज़ लगाए गए हैं। इनमें से एक करोड़ 80 लाख व्यक्तियों को पहला तथा 20 लाख से अधिक व्यक्तियों को दूसरा डोज़ लगाया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश के किसी भी जिले में कोरोना टेस्ट कम नहीं होने चाहिए। अलीराजपुर, विदिशा, ग्वालियर, देवास, सीहोर, रायसेन, धार, टीकमगढ़, राजगढ़ एवं बड़वानी जिलों को टेस्ट बढ़ाने के निर्देश दिए गए।प्रदेश के 52 जिलों में से 37 जिलों में कोरोना का कोई नया प्रकरण नहीं आया है। वहीं 6 जिले ऐसे हैं जो पूर्ण रूप से कोरोना मुक्त हैं। यहाँ न तो कोई नया प्रकरण आया है और न ही कोई एक्टिव प्रकरण है। ये जिले अशोकनगर, बुरहानपुर, देवास, खंडवा, मंडला तथा सीधी हैं।अब प्रदेश के 15 जिलों भोपाल, इंदौर, बैतूल, जबलपुर, राजगढ़, रतलाम, रायसेन, निवाड़ी, बड़वानी, दमोह, गुना, ग्वालियर, हरदा, नरसिंहपुर तथा नीमच जिलों में ही कोरोना के नए प्रकरण आए हैं। भोपाल में 7 तथा इंदौर में 6 नए प्रकरण आए हैं। शेष जिलों में 5 से कम कोरोना के नए प्रकरण आए हैं।

Monday, June 28, 2021

मध्य प्रदेश में अगस्त के पहले सप्ताह से लगने लगेंगी इंजीनियरिंग की क्लासेज़ l

सरकार ने एमपी में तकनीकी शिक्षा के कॉलेज खोलने की तैयारी कर ली है।सोमवार को मंत्री समूह की बैठक में चर्चा तय किया गया कि तकनीकी शैक्षणिक संस्थाओं में नये सेशन की शुरुआत  2 अगस्त से होगी ।   फ़र्स्ट सेमेस्टर को छोड़कर थर्ड, फ़िफ़्थ और सेवेन्थ सेमेस्टर की क्लैसेज़ 2 अगस्त से स्टार्ट हो जाएँगीं। फ़र्स्ट सेमेस्टर की कक्षाएँ 15 सितम्बर से स्टार्ट होंगी। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष डिप्लोमा की कक्षाएँ 17 अगस्त से, आई.टी.आई की द्वितीय वर्ष की कक्षाएँ 12 जुलाई से और आई.टी.आई की प्रथम वर्ष की कक्षाएँ 16 अगस्त से आरंभ होंगी। प्रथम वर्ष इंजीनियरिंग में प्रवेश जेईईई मेन्स तथा मध्यप्रदेश हायर सेकेण्डरी बोर्ड की 12वीं परीक्षा परिणाम के आधार पर होगा। प्रथम वर्ष डिप्लोमा में प्रवेश के लिए हाई स्कूल परीक्षा परिणाम को आधार माना जाएगा। आई.टी.आई की प्रवेश प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूर्ण कर ली जाएगी।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि समस्त शैक्षणिक गतिविधियों में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण और शैक्षणिक परिसरों में कोविड अनुकूल व्यवहार का अनुसरण अनिवार्यता सुनिश्चित किया जाए। जिनका वैक्सीनेशन नहीं होगा, उन्हें परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाए।






Monday, October 19, 2020

छह साल के भीतर में देश में सात नए IIM, 15 नए एम्स, 6 IIT और 16 IIIT बने- पीएम मोदी l

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित किया l प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि बीते छह सालों में देश में चौतरफा सुधार हुए हैं और पिछले कुछ महीनों से इसकी गति और दायरे दोनों को बढ़ाया गया है ताकि 21वीं सदी भारत की हो l प्रधानमंत्री ने कहा कि बीत छह सालों में देश को उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में स्थापित करने का हर स्तर पर प्रयास हो रहा है l इसी को ध्यान में ध्यान में रखते हुए देश में प्रबंधन, चिकित्सा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संस्थानों और उनमें सीटों की संख्या बढ़ाई गई है l उन्होंने कहा कि छह सालों के भीतर सात नए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), 15 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), हर साल एक नया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और 16 नए भारतीय सूचना और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) की स्थापना की गई है l उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 से पहले देश में 13 आईआईएम ही थे l इसी तरह करीब छह दशक तक देश में सिर्फ सात एम्स देश में सेवाएं दे रहे थे l साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानि 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं l आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 आईआईटी और नौ आईआईआईटी थे l’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे देश में चौतरफा सुधार हो रहे हैं, इतने सुधार पहले कभी नहीं हुए l पहले कुछ फैसले होते भी थे तो वह किसी एक क्षेत्र में होते थे और दूसरे क्षेत्र छूट जाते थे l’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीते छह सालों में बहुत सारे सुधार हुए हैं और कई क्षेत्रों में सुधार हुए हैं l’’ कृषि के क्षेत्र में किए गए हालिया सुधारों, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, मजदूरों के लिए लाए गए श्रम सुधार सहित अन्य सुधारों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि ये सुधार इसलिए किए जा रहे है ताकि यह दशक भारत का दशक बने l उन्होंने कहा, ‘‘पिछले छह-सात महीने से सुधार की गति और दायरा दोनों बढ़ रहा है. खेती हो या अंतरिक्ष, रक्षा का क्षेत्र हो या उड्डयन का क्षेत्र, श्रम हो या फिर कोई और क्षेत्र, हर क्षेत्र में जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं l’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के शिक्षा क्षेत्र का भविष्य सुनिश्चित कर रही है, तो ये युवाओं को भी सशक्त कर रही है l अगर खेती से जुड़े सुधार किसानों को सशक्त कर रहे हैं, तो श्रम सुधार मजदूरों और उद्योगों दोनों को विकास और सुरक्षा दे रहे हैं l’’ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के फायदों के बारे में छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा यह ‘‘प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी’’ तक देश की पूरी शिक्षा व्यवस्था में मौलिक बदलाव लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है l उन्होंने कहा, ‘‘भारत को उच्च शिक्षा के लिए एक वैश्विक केन्द्र और हमारे युवाओं को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं l ‘स्किलिंग’, ‘रिस्किलिंग’ और ‘अपस्किलिंग’ आज की जरूरत और राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी पर केन्द्रित है l’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रयास सिर्फ नए संस्थान खोलने तक ही सीमित नहीं है l इन संस्थाओं के प्रशासन में सुधार से लेकर लैंगिक और सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया गया है l इन संस्थानों को ज्यादा अधिकार भी दिए गए हैं और इनमें पारदर्शिता भी लाई गई है l उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता की कमी थी और उसे दूर करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बनाया जा चुका है l उन्होंने कहा, ‘‘भारत के जीवन में यह दशक बहुत बड़ा मौका लेकर आया है l देश के युवा आत्मनिर्भर बनेंगे तो देश भी आत्मनिर्भर बनेगा l’’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कर्नाटक में बाढ़ और भारी बारिश से अस्त व्यस्त हुए जनजीवन और नुकसान की भी चर्चा की और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की l  उन्होंने कहा कि केन्द्र और कर्नाटक सरकार राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है l कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए l बता दें कि मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना 27 जुलाई, 1916 को हुई थी l यह देश का छठा विश्वविद्यालय और कर्नाटक राज्य में पहला विश्वविद्यालय था l विश्वविद्यालय की स्थापना तत्कालीन मैसूर रियासत के महाराजा, नलवाड़ी कृष्णराज वाडियार और तत्कालीन दीवान सर एम.वी. विश्वेश्वरैया ने की थी l




 



 


Monday, September 14, 2020

हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की पढ़ाई आंशिक तौर पर 21 सितंबर शुरू होगी, सरकार ने ज़ारी किया स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) l

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने रविवार को हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की पढ़ाई आंशिक तौर पर शुरू करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी कर दिया है। 21 सितंबर से क्लास लगना शुरू हो जाएंगी। मंत्रालय ने कहा- इंस्टीट्यूट खोलने से पहले हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट से सलाह लेना होगी। दूसरे शहर से आकर पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए हॉस्टल भी खुल सकेंगे। हालांकि, बाहर से आने के बाद छात्र को क्लास अटैंड करने से पहले 14 दिन क्वारैंटाइन में रहना होगा। इसके लिए इंस्टीट्यूट में क्वारैंटाइन सेंटर भी बनाना होगा। इसके अलावा पढ़ाई शुरू होने पर टीचर्स, स्टूडेंट्स और स्कूल के स्टाफ को कम से कम छह फीट की दूरी रखनी होगी। लगातार हाथ धोने, फेस कवर पहनने, छींक आने पर मुंह पर हाथ रखने, खुद की सेहत की मॉनिटरिंग करने और यहां-वहां न थूकने जैसी बातों का ध्यान रखना होगा। इंस्टीट्यूट में एंट्री प्वाइंट पर ही सभी की स्क्रीनिंग होगी। कोरोना के लक्षण वाले स्टूडेंट्स को एंट्री नहीं दी जाएगी।


 हायर एजुकेशन के वह इंस्टीट्यूट जो खुल सकेंगे




  • स्किल और एंटरप्रेन्योरशिप ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट।

  • हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, जहां पीएचडी, टेक्निकल और प्रोफेशनल प्रोग्राम चलते हैं और लेबोरेट्री, एक्सपेरिमेंटल वर्क की जरूरत है। ऐसे इंस्टीट्यूट हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट की सलाह के बाद खोले जा सकते हैं।

  • इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (आईटीआई)।

  • नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन या स्टेट स्किल डेवलपमेंट मिशन में रजिस्टर्ड शार्ट टर्म ट्रेनिंग सेंटर।

  • नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट।

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप

  • अन्य ट्रेनिंग प्रोवाइडर इंस्टीट्यूट।



इम्पोर्टेन्ट गाइडलाइन्स 




  • इंस्टीट्यूट कंटेनमेंट जोन से बाहर होना चाहिए।

  • कंटेनमेंट जोन में रहने वाले शिक्षक, छात्र, कर्मचारियों को इंस्टीट्यूट जाकर पढ़ने की अनुमति नहीं होगी।

  • इंस्टीट्यूट खोलने से पहले पूरे कैम्पस, क्लासरूम, लेबोरेट्री, बाथरूम को सैनिटाइज करना होगा।

  • बायोमेट्रिक मशीन से अटेंडेंस नहीं होगी। कॉन्टैक्ट-लेस व्यवस्था करनी होगी।

  • एंट्री प्वाइंट पर पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल गन की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि एसिंप्टोमैटिक व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल और बॉडी टेम्प्रेचर जांचा जा सके।

  • डिस्पोजल पेपर टॉवेल, साबुन, 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट सॉल्यूशन का यूज होना चाहिए।

  • टीचर्स, कर्मचारियों को फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर, उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी स्कूल मैनेजमेंट की होगी।

  • ढंका हुआ डस्टबिन होना चाहिए और कूड़ा फेंकने की सही व्यवस्था होनी चाहिए।

  • सफाईकर्मी को काम पर लगाने से पहले सही तरह से ट्रेनिंग देनी होगी।

  • एकेडमिक कैलेंडर ऐसा बनाया जाए, जिससे भीड़ जुटने की संभावना न हो।

  • सभी छात्रों के लिए ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम का भी ऑप्शन देना होगा। इसे बढ़ावा देना होगा।

  • एकेडमिक कैलेंडर में ऑफ लाइन क्लास के साथ ऑनलाइन क्लास और ट्रेनिंग को भी शामिल किया जाए।

  • एक समय में एक जगह पर कम से कम लोगों को बुलाया जाए।

  • लेबोरेट्री में प्रैक्टिकल एक्टिविटी को शेड्यूल करते समय भी छात्रों की संख्या और लेबोरेट्री की क्षमता का ख्याल रखें। सोशल डिस्टेंसिंग का इसमें भी पालन करना होगा।

  • ज्यादा रिस्क वाले छात्र, कर्मचारी या शिक्षकों को अधिक सावधानी रखनी होगी। ऐसे लोगों को फ्रंट लाइन में काम न दिया जाए।

  • ऐसे छात्र जो दूसरे शहर या राज्य से हैं और उनके पास ऑनलाइन एजुकेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं है उन्हें हॉस्टल, गेस्ट हाउस या रेजिडेंशियल कॉम्पलैक्स अलॉट किया जा सकता है।

  • बाहर से आकर हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को 14 दिन क्वारैंटाइन रहना होगा। इसके बाद ही छात्र क्लास अटेंड कर पाएंगे।

  • इंस्टीट्यूट में आइसोलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए।

  • हॉस्टल में रहने के लिए आने वाले सभी छात्रों की स्क्रीनिंग की जाए। केवल एसिंप्टोमैटिक छात्रों को ही हॉस्टल में रूम अलॉट किया जाए।

  • जिन छात्र में कोरोना के लक्षण दिखते हैं, उन्हें इंस्टीट्यूट के आइसोलेशन वार्ड में रखा जाए।

  • एक रूम में दो छात्रों के बेड के बीच की दूरी कम से कम छह फीट रखी जाए।



छात्र, टीचर या कर्मचारी में लक्षण मिलने पर क्या करना होगा?




  • उसे तुरंत आइसोलेट किया जाए, जहां किसी दूसरे के जाने की इजाजत न हो।

  • पैरेंट्स को इसकी सूचना दी जाए।

  • जब तक डॉक्टरी जांच न हो जाए, तब तक उसे फेस कवर करने को कहा जाएगा।

  • नजदीकी अस्पताल या स्टेट हेल्पलाइन से तुरंत संपर्क किया जाए।

  • पूरे परिसर को फिर से डिसइंफेक्ट किया जाए।

  • स्टूडेंट या टीचर किसी मानसिक तनाव या मानसिक बीमारी से जूझ रहा है तो उसके लिए रेगुलर काउंसलिंग होगी।



Saturday, September 12, 2020

जेईई-मुख्य परीक्षा में 24 छात्रों को 100 परसेंटाइल मिला, तेलंगाना के सबसे ज्यादा आठ छात्रों को मिले 100 परसेंटाइल l

जेईई-मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है l मुख्य परीक्षा में 24 छात्रों को 100 परसेंटाइल मिला है l सबसे ज्यादा तेलंगाना के आठ छात्रों को 100 परसेंटाइल मिले हैं, वहीं दिल्ली में पांच, राजस्थान में चार, आंध्र प्रदेश में तीन, हरियाणा दो और गुजरात तथा महाराष्ट्र में से एक-एक छात्र को 100 परसेंटाइल अंक मिले हैं l राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने इसकी जानकारी दी l रिजल्ट देखने के लिए कैंडिडेट ntaresults.nic.in और jeemain.nta.nic.in पर जा सकते हैं l जेईई मुख्य परीक्षा एक और दो के परिणाम के आधार पर शीर्ष 2.45 लाख छात्र जेईई-एडवांस परीक्षा में बैठ सकेंगे l जेईई एडवांस की परीक्षा 27 सितंबर को होनी है और इसमें पास होने वाले छात्रों को आईआईटी में प्रवेश मिलेगा l 


Thursday, September 10, 2020

मुंबई विश्वविद्यालय ने ज़ारी किया फाइनल ईयर एग्जाम का शेड्यूल l

मुंबई विश्वविद्यालय ने भी फाइनल ईयर एग्जाम का शेड्यूल और एग्जाम फ़ॉर्मेट दोनों एक साथ घोषित कर दिया है l बता दें कि मुंबई विश्वविद्यालय ने फाइनल ईयर एग्जाम का यह शेड्यूल करीब दो हफ्ते के बाद सुप्रीमकोर्ट के उस आदेश के बाद जारी किया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फाइनल ईयर की परीक्षा कराने के संबंध में जारी किया था l मुंबई विश्वविद्यालय के जारी किए गए शेड्यूल के मुताबिक फाइनल ईयर की ये परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में आयोजित कराई जाएंगी l चूँकि फाइनल की ये परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में आयोजित होनी हैं इसलिए परीक्षा का फ़ॉर्मेट बहुविकल्पीय (MCQs) आधार पर बनाया गया है l फाइनल की यह परीक्षा कुल 50 अंकों की होगी l विश्वविद्यालय ने यह साफ कर दिया है कि उन्हीं छात्रों को ऑफलाइन मोड में परीक्षा देने की अनुमति प्रदान की जाएगी कि जो छात्र ऑनलाइन मोड में परीक्षा देने की स्थिति में नहीं होंगे l मुंबई विश्वविद्यालय ने अपने सभी संबद्ध कॉलेजों को भी फाइनल ईयर की परीक्षा MCQs फ़ॉर्मेट पर ऑनलाइन मोड में कराने से सम्बंधित निर्देश भी जारी कर दिया है l


Wednesday, September 9, 2020

9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई आंशिक तौर पर शुरू करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी, 21 सितंबर से कक्षाओं में पढ़ाई शुरू होगी ।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई आंशिक तौर पर शुरू करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी कर दिया है। 21 सितंबर से कक्षाओं में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। मंत्रालय ने कहा- स्कूल अपने यहां पढ़ाई शुरू करने का फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। क्लासेस अलग-अलग टाइम स्लॉट में चलेंगी और कोरोना के लक्षण वाले स्टूडेंट्स को एंट्री नहीं दी जाएगी।


इन नियमों का पालन सभी को करना होगा
टीचर्स, स्टूडेंट्स और स्कूल के स्टाफ को 6 फीट की दूरी रखनी होगी। लगातार हाथ धोने, फेस कवर पहनने, छींक आने पर मुंह पर हाथ रखने, खुद की सेहत की मॉनिटरिंग करने और यहां-वहां न थूकने जैसी बातों का ध्यान रखना होगा।


स्टूडेंट्स के लिए क्या गाइडलाइन?




  • स्कूल आने के लिए पैरेंट्स से लिखित मंजूरी लेनी होगी।

  • लॉकर का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा।

  • जिम का इस्तेमाल गाइडलाइन के लिहाज से कर सकते हैं। स्वीमिंग पूल, स्पोर्ट्स एक्टिविटी नहीं होंगी।

  • छात्र किताब, कॉपी, पेंसिल, पेन, वॉटर बॉटल, जैसी चीजें शेयर नहीं कर पाएंगे।

  • प्रैक्टिकल के वक्त छात्र अलग-अलग सेशन में जाएंगे। ज्यादा स्टूडेंट्स को एक साथ लेबोरेटरी में नहीं जाने दिया जाएगा।



स्कूलों के लिए क्या गाइडलाइन?




  • स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए अलग टाइम स्लॉट की व्यवस्था करनी होगी।

  • क्लासरूम की बजाय बाहर खुले में भी पढ़ाई की जा सकती है।

  • ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग की भी व्यवस्था करनी होगी।

  • स्कूल खोलने से पहले पूरे कैम्पस, क्लासरूम, लेबोरेट्री, बॉथरूम को सैनिटाइज करवाना होगा।

  • जिन स्कूलों को क्वारैंटाइन सेंटर के तौर पर यूज किया गया था, उन्हें अच्छी तरह सैनिटाइज करवाना होगा।

  • 50% टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को ऑनलाइन टीचिंग और टेली काउंसिलिंग के लिए स्कूल बुलाया जा सकता है।

  • स्टूडेंट्स के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस की जगह कॉन्टैक्टलेस अटेंडेंस की व्यवस्था करनी होगी।

  • कतार के लिए जमीन पर 6 फीट की दूरी पर मार्किंग करनी होगी। यह व्यवस्था स्कूल के भीतर और बाहर दोनों जगह होगी।



सैनिटाइजेशन और जांच के लिए गाइडलाइन?




  • पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए, ताकि एसिम्प्टोमेटिक व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल जांचा जा सके।

  • साफ-सफाई करने वाले कर्मचारी को थर्मल गन, डिस्पोजल पेपर टॉवेल, साबुन, 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन देना होगा।

  • टीचर्स, कर्मचारियों को फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर, उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी स्कूल मैनेजमेंट को होगी।

  • ढंका हुआ डस्टबिन होना चाहिए और कूड़ा फेंकने की सही व्यवस्था होनी चाहिए।

  • सफाईकर्मी को काम पर लगाने से पहले सही तरह से प्रशिक्षित करना होगा।



इन लोगों को नहीं मिलेगी एंट्री




  • क्वारैंटाइन जोन से छात्र, टीचर या कर्मचारी स्कूल नहीं आ सकेंगे।

  • सिम्प्टोमैटिक छात्र को स्कूल में आने की मंजूरी नहीं दी जाएगी।

  • अगर छात्र, टीचर या कर्मचारी बीमार है तो उसे किसी भी हालत में स्कूल नहीं बुलाया जाएगा।



छात्र, टीचर या कर्मचारी में लक्षण मिलने पर क्या करना होगा




  • उसे तुरंत आइसोलेट किया जाए। जहां किसी दूसरे के जाने की इजाजत न हो।

  • पैरेंट्स को इसकी सूचना दी जाए।

  • जब तक डॉक्टरी जांच न हो जाए, तब तक उसे फेस कवर करने को कहा जाएगा।

  • नजदीकी अस्पताल या स्टेट हेल्पलाइन से तुरंत संपर्क किया जाए।

  • पूरे परिसर को फिर से डिसइंफेक्ट किया जाए।

  • स्टूडेंट या टीचर किसी मानसिक तनाव या मानसिक बीमारी से जूझ रहा है तो उसके लिए रेगुलर काउंसलिंग होगी।



13 सितंबर को ही होगी NEET परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को टालने वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार l

सुप्रीम कोर्ट ने NEET परीक्षा को टालने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है l यानी 13 सितंबर को होने वाली ये परीक्षा अब  अपने नियत समय पर ही देशभर में  आयोजित होगी l इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोरोना महामारी के मद्देनजर सितंबर में आयोजित होने वाली नीट-जेईई की परीक्षा के संबंध में 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा के लिए दायर हुई याचिकाएं खारिज कर दीं l कोर्ट ने परीक्षाओं को करवाने की मंजूरी दी थी, जिसके बाद कोर्ट से पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया था l जस्टिस अशोक भूषण, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने कहा था, 'समीक्षा याचिकाओं को दायर करने के लिए आवेदन करने की अनुमति है l हम समीक्षा याचिकाओं और जुड़े हुए कागजात को ध्यान से देख चुके हैं. हमें समीक्षा याचिका बेमानी लगा और इसे खारिज कर दिया l '


 


Monday, September 7, 2020

नई एजुकेशन पॉलिसी में पढ़ने की बजाय सीखने पर फोकस, पैशन, प्रैक्टिकल और परफॉर्मेंस पर जोर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हो रही कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा "नई एजुकेशन पॉलिसी में पढ़ने की बजाय सीखने पर फोकस है। हमने पैशन, प्रैक्टिकल और परफॉर्मेंस पर जोर दिया है। देश की उम्मीदों को पूरा करने का अहम माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र, राज्य सरकार और स्थानीय निकाय जुड़े होते हैं। लेकिन, यह भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार का दखल कम से कम होना चाहिए।" शिक्षा मंत्रालय की तरफ से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री, विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर और सीनियर अफसर शामिल हैं। इसका टॉपिक 'उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति की भूमिका' रखा गया है। नई पॉलिसी घोषित होने के बाद देशभर में कई वेबिनार, वर्चुअल कॉन्फ्रेंस और कॉन्क्लेव आयोजित किए जा रहे हैं।


Saturday, September 5, 2020

टीचर्स डे के उपलक्ष्य में संत राफेल स्कूल इंदौर के क्लास २ के स्टूडेंट्स ने रंगारंग प्रस्तुति दी l


शिक्षक दिवस पर सभी पूज्यनीय गुरु का कोटि कोटि वंदन करती हूँ l

 शिक्षक दिवस डॉ राधा कृष्णन को समर्पित दिन। ये एक महान दार्शनिक, शिक्षक जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के माध्यम से देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए। एक शिक्षक का इससे बड़ा सम्मान नहीं हो सकता। वर्तमान में समाज से सम्मान शिक्षक को मिलता चला जाए, शिक्षक योग्य होता चला जाए और लोकतंत्र इतना समझदार होता चला जाए तो विकास में समय नहीं लगेगा। 

                                                  

एक इंजीनियर की की गलती किसी नींव में दब सकती है, एक डॉक्टर की गलती किसी क्रब में दफन हो सकती हैं, और एक वकील की गलती किसी फाइल के नीचे दब सकती है,   परंतु एक शिक्षक की गलती सम्पूर्ण राष्ट्र में झलकती है। शिक्षक चिन्तनशील हो, उसके चिन्तन में मौलिकता हो, वह शिक्षा की समस्याओं के प्रति जागरूक हो एवं संवेदनशील हो तथा इन समस्याओं के हल ढूंढने रूचि रखता हो तो इससे अधिक सुखद स्थिति और क्या हो सकती है। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए यह भी आवश्यक है कि शिक्षक अपने व्यवसाय के प्रति प्रतिबद्ध हो, उसे अपने व्यवसाय से लगाव हो उस पर गर्व हो। शिक्षण में कार्यरत व्यक्तियो से समाज की कुछ अपेक्षाएँ हैं। शिक्षक यदि इन अपेक्षाओं को समझ कर उनका पालन करता है तो शिक्षण व्यवसाय एवं शिक्षकों की समाज में गरिमा एवं प्रतिष्ठा बढ़ेगी और इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे।  वह व्यक्ति जो सिर्फ जानकारी देता है उसे अध्यापक कहते हैं और जो उसमें ज्ञान भी जोड़ दें उसे उपाध्याय कहते हैं और जो कौशल भी दे उसे आचार्य कहते हैं और जो गहरी समझ प्रदान करें उसे पंडित कहते है , और जो व्यक्ति विवेक या बुद्धिमत्ता दे उसे गुरु कहा जाता है और अगर हम वर्तमान परिदृश्य की बात करें तो इन पांचों के लिए सिर्फ अंग्रेजी का एक ही शब्द प्रयोग करते हैं टीचर। व्यक्ति के पदनाम कुछ भी हो लेकिन हम उनसे जानकारी और ज्ञान की उम्मीद करते हैं । गुरु को सर्वोच्च मानते हुए मैं समझती हूं कि कोविड ने हर टीचर को गुरु बनने का अवसर दिया है क्योंकि वर्तमान परिदृश्य में ऑनलाइन शिक्षा हमारे घरों में डाइनिंग टेबल से लेकर बेडरूम तक में प्रवेश कर चुकी है मध्यम वर्गीय परिवार से हम यह अपेक्षा नहीं कर सकते कि वह व्यवस्थित रूप से अपने बच्चे को पढ़ने की स्पेस दे क्योंकि इसके लिए बहुत सारे फैक्टर हैं कभी नेटवर्क की समस्या कभी घर में जगह की समस्या और परिवार के अन्य सदस्यों की समस्या मतलब हर घर में चुनौतियां है ।ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षक अपने छात्रों की दिन प्रतिदिन की समस्या को देख सकता है समझ सकता है और अपने छात्र के साथ आत्मीयता के साथ विवेक और बुद्धिमता से उसे सुलझा सकता है तो मेरा मानना है कि प्रत्येक शिक्षक के पास अवसर है गुरु बनने का ।वर्तमान में दो तरह की शिक्षा है---एक पेट भरने के लिए education for occupation जो शिक्षक देता है। दूसरी है ----education for life ---- जीवन की शिक्षा जो गुरु देता है। दोनों के बिना मानव अधूरा है। शिक्षक सांसरिक है जो संसार का ज्ञान देता है और गुरु आध्यात्मिक ज्ञान देता है। यह दोनों समाज के दर्पण है। अस्तित्व के लिए परिवर्तन आवश्यक है, परिवर्तन के लिए परिपक्वता और परिपक्वता के लिए अंतहीन सृजनात्मकता अनिवार्य है। मैं अपने सभी शिक्षकों, साहित्यकारो और नवांगतुको से अनुरोध करती हूँ कि वे अपने स्वाध्याय, चिन्तन एवम् सृजन की लौ को जलाएं रखें। शिक्षा और साहित्य से जुड़ना जीवन से जुड़ना है, अच्छे मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा करना और समाज को दिशा देना है। आइए शिक्षक दिवस के इस पावन अवसर पर यह संकल्प लें कि हम शिक्षक भारतीय शिक्षा को पुरानी परंपरा से जोडते हुए नया रूप देंगें, ऐसी शिक्षा पध्दति के विकास में जुट जाऐगे जिसमें एक शिक्षित समाज की स्थापना हो, जिसमें शिक्षक का एक गौरवमय एवं सम्मानित स्थान हो, जिसमें शिक्षक -छात्र, शिक्षक -अभिभावक संबंध मधुर, परस्पर आदर एवं विश्वासपूर्ण हो। 

 

 

डॉ प्रियदर्शिनी अग्निहोत्री

Friday, September 4, 2020

04 /09 /2020  से 09 /09 / 2020 तक आयोजित होंगे राजीव गाँधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के लास्ट सेमेस्टर के प्रैक्टिकल एग्जाम l

राजीव गाँधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी सभी कोर्सेज (सी बी जी एस / ग्रेडिंग /एन एफ टी ) के लास्ट सेमेस्टर के सभी  स्टूडेंट्स (  रेगुलर /एक्स) एवं  अन्य सभी सेमेस्टर्स  के एक्स स्टूडेंट्स की प्रायोगिक परीक्षाएँ कॉलेज लेवल पर ऑनलाइन मोड में दिनांक 04 /09 /2020  से 09 /09 / 2020 तक आयोजित करेगा l


Thursday, September 3, 2020

1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर 2020 तक तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन करेगा इंदौर का सेज विश्वविद्यालय l

सेज विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज और स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के संयुक्त तत्वावधान में 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर 2020 तक तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन ढींगरा ने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस " होलिस्टिक डेवेलपमेंट फॉर एक्सीलेंस एंड इनोवेशन इन स्पोर्ट्स एंड बायोसाइंस" विषय पर आधारित होगी जिसमें इंटरनेशनल साइंटिस्ट्स द्वारा एक्सपर्ट लेक्चर दिए जाएँगे। साथ ही यह भी बताया कि कॉन्फ्रेंस का प्रमुख उद्देश्य फिजिकल एजुकेशन तथा बायो साइंस जैसे दो प्रमुख विषयों के विशेषज्ञों को एक ही प्लेटफार्म के जरिये विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत करना है। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. नवीन ढींगरा तथा स्पोर्ट्स ऑफिसर डॉ. शक्ति श्रीवास्तव होंगे। ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी के रूप में प्रोफेसर नेहा पँवार अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगी। विश्वविद्यालय के चांसलर इंजी. संजीव अग्रवाल ने कॉन्फ्रेंस के लिए अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित की।


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