जहाँ एक तरफ बढ़ती महगाँई ने लोगों की नाक में दम कर रखा है वहीं एक ब्रिटिश कंपनी ने हाल ही में प्रत्येक कर्मचारी को ईंधन और बिजली जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती लागत से निपटने में मदद करने के लिए £750 (74,091 रुपये) दिए।एमरीज़ टिम्बर और बिल्डर्स मर्चेंट्स के 60 से अधिक कर्मचारियों को राशि का भुगतान किया जा रहा है। LADbible ने बताया कि इसके लिए कंपनी के प्रबंध निदेशक ने अपनी जेब लगभग 45,000 पाउंड (44.46 लाख रुपये) का भुगतान किया । कंपनी ने अपने ट्वीट में बताया कि "ईंधन/पेट्रोल और बिजली/गैस की बढ़ती लागत के कारण, हमने एमरी के प्रत्येक कर्मचारी को £750 (74,091 रुपये) का भुगतान करने का निर्णय लिया है। हमें उम्मीद है कि यह एक अस्थिर वित्तीय समय के दौरान हमारी टीम की मदद करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगा। एक परिवार की तरह, एमरी मुश्किल समय में एक-दूसरे का ख्याल रखती हैं!" द सन को कंपनी के प्रबंध निदेशक और तीन बच्चों के पिता जेम्स हिपकिंस ने कहा, "हर किसी के संघर्ष के साथ हमने सोचा कि हम उस अच्छे भाग्य में से कुछ को कर्मचारियों के साथ साझा करना चाहते हैं। वे इसकी उम्मीद नहीं कर रहे थे और वे बहुत खुश थे।"
Wednesday, April 6, 2022
बीजेपी मना रही है आज अपना 42वां स्थापना दिवस
BJP यानि कि भारतीय जनता पार्टी आज अपना 42वां स्थापना दिवस मना रही है।आज से 42 साल पहले 6 अप्रैल, 1980 को भारतीय जनता पार्टी का जन्म हुआ था, भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की देख रेख में बीजेपी का निर्माण हुआ। वाजपेयी और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने मिलकर पार्टी को 1984 में दो सीट से 1998 में 182 सीटों तक ला खड़ा किया था।उसके बाद श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में बीजेपी ने 282 सीटें जीतीं तो 2019 में उसकी सीटों का आंकड़ा 300 के पार चला गया।बीजेपी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी थे। एक वक्त बीजेपी गांधी के आदर्शों पर चलने की बात करते हुए राजनीति करती थी। 1984 के लोकसभा चुनाव में केवल दो सीटें जीतने के बाद, पार्टी हिंदुत्व की तरफ आकर्षित हुई। राम जन्मभूमि को एजेंडा बनाकर वाजपेयी और आडवाणी की जोड़ी ने बीजेपी को मुख्यधारा की राजनीति में ला दिया।
1989 में बीजेपी ने 85 लोकसभा सीटें जीतीं, फिर 1991 में 120 सीटों पर कब्जा जमा लिया। वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी ने देश को पहली स्थायी गठबंधन की सरकार दी। 2004 में बीजेपी के चुनाव हारने के बाद पार्टी में अगले दौर के नेताओं की खोज शुरू हो गई। लालकृष्ण आडवाणी के अनुसार, 'दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में 5-6 अप्रैल, 1980 के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में 3, 500 से अधिक प्रतिनिधि एकत्र हुए और 6 अप्रैल को एक नए राजनीतिक दल दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठन की घोषणा की गई। अटल बिहारी वाजपेयी को इसका पहला अध्यक्ष चुना गया। मुझे सिकंदर बख्त और सूरजभान के साथ महासचिव की जिम्मेदारी दी गई। यह कयास लगाए जाने लगे कि क्या नई पार्टी जनसंघ को पुनरुज्जीवित करेगी? अटल जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में स्पष्ट रूप से इस कयास को नकार दिया। उन्होंने कहा, नहीं हम वापस नहीं जाएंगे।'
आडवाणी ने अपनी आत्मकथा 'मेरा देश, मेरा जीवन' (प्रभात प्रकाशन) में बीजेपी के अस्तित्व में आने पर एक पूरा चैप्टर लिखा है।अपनी किताब में आडवाणी लिखते हैं, "एक विषय जिसने पूरे राजनीतिक जीवन में मुझे चकित किया है, वह है भारतीय मतदाता चुनावों में अपनी पसंद का निर्धारण कैसे करते हैं ? कई बार उनके रुझान का अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन ज्यादातर नहीं। भारतीय मतदाताओं के विशाल विविधता के चलते सामान्यत: चुनाव के परिणामों का पूर्वानुमान लगाना असंभव होता है। हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि मतदाताओं का सामूहिक व्यवहार किसी एक भावना संचालित होता दिखता है और इससे उनकी पसंद का अनुमान लगाया जा सकता है। औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त न करने के बावजूद एक अनुभवी राजनीतिक कार्यकर्ता अक्सर यह भविष्यवाणी कर सकता है कि चुनावी हवा किस ओर बह रही है।"पूर्व डेप्युटी पीएम ने अपनी आत्मकक्षा में आगे लिखा है, "जनता पार्टी की भारी पराजय ने मुझे मतदाताओं के व्यवहार के एक अन्य पहलू के बारे में भी परिचित करवाया। जब मतदाता एक पथभ्रष्ट राजनीतिक दल को सबक सिखाना चाहते हैं तो अक्सर उस दल के विरुद्ध आक्रोश के कारण। 1980 में हमने यह भी सीखा कि गहरा भोहभंग भी हमें उस पार्टी को सजा देने के लिए उकसा सकता है, जो सकी आशाओं पर खरा नहीं उतरती।
आडवाणी उन परिस्थितियों के बारे में बताते हैं जिनसे बीजेपी का जन्म हुआ। वे लिखते हैं, "जनता पार्टी के भीतर संघ विरोधी अभियान ने 1980 के लोकसभा चुनावों में कार्यकर्ताओं के उत्साह को ठंडा कर दिया था। इससे स्पष्ट रूप से कांग्रेस को लाभ हुआ और चुनावों में इसने जनता पार्टी के प्रदर्शन को गिराने का प्रयास किया। 4 अप्रैल को जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक अहम बैठक नई दिल्ली में निश्चित की गई, जिसमें दोहरी सदस्यता के बारे में आखिरी फैसला लिया जाना था। मोरारजी देसाई और कुछ अन्य सदस्यों ने हमें पारस्परिक समझौते की स्वीकार्यता के आधार पर जनता पार्टी में बनाए रखने का अंतिम प्रयास किया। परंतु भविष्य लिखा जा चुका था। जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने समझौते फॉर्मूले को 14 की तुलना में 17 वोटों से अस्वीकार कर दिया और प्रस्ताव पारित किया गया कि पूर्व जनसंघ के सदस्यों को निष्काषित कर दिया जाए।" बीजेपी मूल रूप से दक्षिणपंथी है। अयोध्या में राम मंदिर और जम्मू कश्मीर के विशेष दर्ज को खत्म करने का वादा पार्टी पूरा कर चुकी है। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, नागरिकता संशोधन अधिनियम जैसे मुद्दों पर काम जारी है। इसके अलावा यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात भी बीजेपी करती आई है। पार्टी का मुखपत्र 'कमल संदेश' है जो एक पाक्षिक पत्रिका है। हिंदू राष्ट्रवाद को लेकर आगे बढ़ने वाली बीजेपी का चुनाव चिन्ह 'कमल' है।
2009 के लोकसभा चुनाव में भी जब बीजेपी वापसी नहीं कर सकी तो तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को जिम्मा सौंपा गया। 2014 का लोकसभा चुनाव बीजेपी ने मोदी के चेहरे को आगे कर लड़ा।उन चुनावों में बीजेपी ने तबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और पहली बार अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में आ गई। पार्टी को 282 सीटें हासिल हुई थीं। अगले लोकसभा चुनावों ने बीजेपी की टैली को और मजबूत होते हुए ही देखा। 2019 में बीजेपी ने 303 सीटें जीतीं और मोदी फिर प्रधानमंत्री बने।अमित शाह जब भाजपा अध्यक्ष थे तो उन्होंने बीजेपी को दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए अभियान शुरू किया। आज वह 18 करोड़ सदस्य होने का दावा करती है।
Tuesday, April 5, 2022
ऑफ़ लाइन मोड में ही होंगें, इस बार RGPV के एग्जाम ।
बनारस रेल इंजन कारखाना में 370 से ज्यादा अप्रेंटिस पोस्ट, 10वीं पास योग्यता, न कोई लिखित एग्जाम, न इंटरव्यू, बस मेरिट की बेसिस पर होगा सलेक्शन
बनारस रेल इंजन कारखाना यानी बीएलडब्ल्यू ने 374 सीटों पर अप्रेंटिस के लिए नॉन आईटीआई और आईटीआई सर्टिफिकेट हासिल कर चुके कैंडिडेट से एप्लीकेशन मांगे हैं।इसके लिए क्वालिफिकेशन 10th पास रखी गयी है बीएलडब्ल्यू ने 45वें बैच एक्ट अप्रेंटिस 2021 के तहत अधिसूचना जारी की है। इसके तहत विभिन्न ट्रेड्स के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस शुरू हो चुकी है। ऑनलाइन अप्लाई करने की आखिरी तारीख 26 अप्रैल है।बता दें कि आईटीआई पदों के लिए कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ 10वीं पास एवं संबंधित ट्रेड में आईटीआई सर्टिफिकेट होना चाहिए। वहीं, नॉन आईटीआई पदों के लिए कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ 10वीं पास होना काफी है।
ऐज लिमिट एंड एग्जाम फ़ीस
टेक्निकल और नॉन टेक्निकल पोस्ट के लिए कैंडिडेट की अधिकतम आयु 22/24 वर्ष निर्धारित की गई है। एससी व एसटी कैंडिडेट को अधिकतम आयु में 5 वर्ष और ओबीसी को 3 वर्ष की छूट दी जाएगी। जहां तक एप्लीकेशन फीस की बात है तो जनरल, ओबीसी व ईडब्ल्यूएस को 100 रुपये और एससी, एसटी व दिव्यांग किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा।
सलेक्शन के लिए बनेगी मेरिट लिस्ट
अप्रेंटिस के इन पदों के लिए कोई लिखित परीक्षा नहीं होगी। सलेक्शन 10वीं कक्षा में मिले मार्क्स के आधार पर बनाई गई मेरिट से होगा। नॉन आईटीआई चयन में हालांकि आईटीआई पास कैंडिडेट को लिया जाएगा लेकिन उन्हें आईटीआई के प्राप्तांक का कोई वेटेज नहीं दिया मिलेगा। केवल उनके पास अधिसूचित ट्रेड का प्रमाण पत्र / मार्कशीट होना जरूरी है।
टाटान्यू (TataNeu) बनाएगा लोगों की लाइफ और इजी, कंपनी 7 अप्रैल 2022 को लांच कर रही है अपना पहला सुपर ऐप
सुपर ऐप, यानी एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिस पर सभी जरूरत की वस्तुएं और सेवाएं मिलती हैं।इस कड़ी में 7, अप्रैल 2022, को टाटा ग्रुप अपना नया सुपर ऐप लॉंच करेगा जिसका नाम है, न्यू (Neu)। कंपनी ने बताया कि 7 अप्रैल से इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर पाएंगे। टाटा ग्रुप का मुख्य उद्देश्य कंपनी के डिजिटल विंग को पूरी तरह बढ़ाना है। जिससे मार्केट में पहले से मौजूद कंपनियां जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट और रिलायंस ग्रुप के जियोमार्ट को कड़ी टक्कर दी जा सके। टाटा के न्यू ऐप से एयरलाइन्स, होटल्स, दवाओं और किराने का सामान एक प्लेटफॉर्म पर मिलने का दावा किया जा रहा है। टाटान्यू (TataNeu) ऐप के इंटरफेस की फोटो भी सामने आ चुकी है। डार्क थीम के साथ इस ऐप में कई मल्टीपल यूजेस वाले कई अलग-अलग आइकॉन नजर आ रहे हैं। ऐप से कार की बुकिंग भी कर पाएंगे।ब्लैकबेरी फाउंडर माइक लैजारिडिस ने 2010 में सुपर ऐप शब्द दिया था। चीन में एक ऐसा ही ऐप है वीचैट (WeChat)। शुरुआत तो इसकी मैसेजिंग ऐप के तौर पर हुई थी। इसके बाद इस पर पेमेंट्स, शॉपिंग, फूड ऑर्डरिंग, कैब सर्विसेस भी मिलने लगी और इस तरह यह एक सुपर ऐप बन गया। आप सुपर ऐप की कल्पना एक मॉल के तौर पर भी कर सकते हैं, जहां रिटेल स्पेस में आपको सभी ब्रांड्स और बिजनेस व वर्टिकल्स की दुकानें मिल जाएंगी।
Monday, April 4, 2022
नागरिकों के जीवन में खुशहाली लाकर मुझे अपना जीवन सार्थक बनाना है: मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गाँव और नगर के विकास के लिये हर नागरिक को संकल्प लेना होगा। सभी को विकास में भागीदारी करनी होगी। राष्ट्रकवि दादा माखनलाल चतुर्वेदी एक भारतीय आत्मा थे, उन्होंने इस माटी की सुगंध को पूरी दुनिया में फैलाया है। उनके जन्म-दिवस को गौरव दिवस के रूप में मना रहे हैं। ऐसा ही गौरव दिवस हर शहर एवं गाँव में मनाया जाए। गौरव दिवस की परिकल्पना है कि हम सब अपने गाँव और शहर के विकास में जुट जाएँ। यह सिर्फ सरकारी काम नहीं है। अपना सबका काम है, विकास की ओर बढ़ना है और एक नए मध्यप्रदेश को गढ़ना है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान माखननगर में आयोजित गौरव दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा गाँव, अपना शहर कैसे विकसित बने, इसकी कल्पना मिलकर करें। प्रदेश के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। माखननगर में सफाई अभियान चलाया है। इसके लिए जिला प्रशासन, जन-प्रतिनिधि एवं क्षेत्र के नागरिकों को बधाई। इंदौर में जनता स्वच्छता अभियान से जुड गई, इसलिए इंदौर स्वच्छता में देश में नंबर वन बन गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम सबको मिलकर जल-संरक्षण, स्वच्छता और बिजली बचाने के अभियान में भी कार्य करना है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश का तेजी से विकास हुआ है। बीमारू राज्य से विकसित राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि गेहूँ खरीदी शुरू हो गई है। प्रदेश और नर्मदापुरम का गेहूँ विदेश में निर्यात होगा। गेहूँ एक्सपोर्ट होगा तो किसानों को और अधिक दाम मिलेंगे। हमारे प्रदेश के गेहूँ को गोल्डन ग्रेन, एमपी बीट के नाम से भी जाना जाता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गेहूँ की फसल कट गई है। गो-माता की रक्षा के लिए गोशाला खोलो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित नागरिकों से अपील की कि फसल कटाई के बाद नरवाई न जलाएँ क्योंकि इसके धुएँ से प्रदूषण फैलता है। नरवाई से भूसा बनाया जाए, जिससे गो-माता की रक्षा हो सके। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर में बहुत कार्य हुआ है। वहाँ कचरे से खाद और सीएनजी बनाई जा रही है। नर्मदापुरम में भी यह कार्य होना चाहिए। स्वच्छता से बीमारी से भी बचाव होता है। गाँव-गाँव तय करें कि स्वच्छता में आगे रहें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सीएम राइज स्कूल खुल रहे हैं, इसमें लाइब्रेरी होगी, स्मार्ट क्लास होंगी। इन स्कूलों में गरीब बच्चे की पढ़ाई भी बेहतर हो सकेगी। उन्होंने कहा कि हम मध्यप्रदेश में नया इतिहास रच रहे हैं। मेडिकल की पढ़ाई अब हिन्दी में होगी। अपने देश में अपनी भाषा में पढ़ा रहे हैं। अंग्रेजी सीखना बुरा नहीं है। निज भाषा की उन्नति होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 21 अप्रैल से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना फिर से शुरू हो रही है। योजना में राशि 51 हजार से बढ़ाकर अब 55 हजार रूपये कर दी गई है। इसमें गड़बड़ी नहीं हो इसके लिए समिति बनाई जाएगी। जिला स्तरीय समिति तय करेगी कि अच्छा सामान बेटी को मिले। उन्होंने कहा कि 2 मई को लाड़ली लक्ष्मी दिवस मनेगा। साथ ही तीर्थ-दर्शन यात्रा 19 अप्रैल से शुरू हो रही है। गरीब और मेधावी बच्चों की मेडिकल कॉलेज की फीस सरकार देगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कुपोषण दूर करना है। आँगनवाड़ी में गरीब बच्चे आते हैं, उन्हें वहाँ अच्छा खाना मिलेगा तो वे कुपोषित नहीं होंगे। किसान भाई आँगनवाड़ी के लिये अनाज दे सकते हैं। गाँव का मेरा बच्चा दुबला, पतला नहीं होना चाहिए।
जल्द ही प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को मिलेगी डिजिटल लॉकर की सुविधा, 6 अप्रैल को युवा संवाद कार्यक्रम में होगा डिजी लॉकर का शुभारंभ ।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को डिजिटल लॉकर की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान युवा संवाद के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को संबोधित करेंगे और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े उनके सवालों के जवाब भी देंगे। मंत्री डॉ. यादव आज युवा संवाद कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि भोपाल के कुशाभाऊ सभागार में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में एनआईसी के माध्यम से 52 जिला मुख्यालयों तथा शासकीय महाविद्यालयों में स्थापित वर्चुअल कक्षाओं के माध्यम से 25 हजार से अधिक विद्यार्थी सीधा संवाद कर सकेंगे।
मंत्री श्री यादव ने बताया कि प्रथम चरण में डिजी लॉकर के माध्यम से अंक-सूची उपलब्ध कराई जायेगी। आगामी चरण में उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माइग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट आदि प्रमाण-पत्र डिजी लॉकर के माध्यम से उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अंक-सूची विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित किये जाने के बाद महाविद्यालय को प्रदान की जाती है, जहाँ से छात्र अपनी अंक-सूची प्राप्त करते हैं। डिजी लॉकर प्रारंभ करने से परीक्षा परिणाम जारी होने के दिवस ही छात्र अपनी अंक-सूची डिजी लॉकर के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। छात्र के अंतिम वर्ष के परिणाम के साथ ही डिजी लॉकर के माध्यम से ऑनलाइन डिजिटल प्रोवीजनल डिग्री दी जा सकती है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्र सीधे अपने डिजी लॉकर अकाउंट से डिजिटल प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इससे प्रमाण-पत्रों के गुम होने की समस्या भी समाप्त हो जायेगी। अंक-सूची तथा उपाधि परीक्षा परिणाम जारी होने के दिन ही छात्र को प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि डिजी लॉकर के शुरू होने से प्रमाण-पत्र में सुधार बहुत ही कम समय में किया जाना संभव हो सकेगा। साथ ही प्रमाण-पत्रों में डिजिटल हस्ताक्षर होने से कर्मचारियों/अधिकारियों की जवाबदेही में वृद्धि होगी और सेवाओं की समयबद्ध रूप से आपूर्ति भी होगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को डिजिटल लॉकर की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान युवा संवाद के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को संबोधित करेंगे और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े उनके सवालों के जवाब भी देंगे। मंत्री डॉ. यादव आज युवा संवाद कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि भोपाल के कुशाभाऊ सभागार में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में एनआईसी के माध्यम से 52 जिला मुख्यालयों तथा शासकीय महाविद्यालयों में स्थापित वर्चुअल कक्षाओं के माध्यम से 25 हजार से अधिक विद्यार्थी सीधा संवाद कर सकेंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश योजना में विश्वविद्यालयों को डिजी लॉकर से एकीकृत किया जाना है। इसके लिये बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को नोडल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को मार्कशीट डिजी लॉकर के माध्यम से प्रदान करने के लिये वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 का डेटा तैयार कर लिया गया है। युवा संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डिजी लॉकर का शुभारंभ करेंगे।
मंत्री श्री यादव ने बताया कि प्रथम चरण में डिजी लॉकर के माध्यम से अंक-सूची उपलब्ध कराई जायेगी। आगामी चरण में उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माइग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट आदि प्रमाण-पत्र डिजी लॉकर के माध्यम से उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अंक-सूची विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित किये जाने के बाद महाविद्यालय को प्रदान की जाती है, जहाँ से छात्र अपनी अंक-सूची प्राप्त करते हैं। डिजी लॉकर प्रारंभ करने से परीक्षा परिणाम जारी होने के दिवस ही छात्र अपनी अंक-सूची डिजी लॉकर के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। छात्र के अंतिम वर्ष के परिणाम के साथ ही डिजी लॉकर के माध्यम से ऑनलाइन डिजिटल प्रोवीजनल डिग्री दी जा सकती है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्र सीधे अपने डिजी लॉकर अकाउंट से डिजिटल प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इससे प्रमाण-पत्रों के गुम होने की समस्या भी समाप्त हो जायेगी। अंक-सूची तथा उपाधि परीक्षा परिणाम जारी होने के दिन ही छात्र को प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि डिजी लॉकर के शुरू होने से प्रमाण-पत्र में सुधार बहुत ही कम समय में किया जाना संभव हो सकेगा। साथ ही प्रमाण-पत्रों में डिजिटल हस्ताक्षर होने से कर्मचारियों/अधिकारियों की जवाबदेही में वृद्धि होगी और सेवाओं की समयबद्ध रूप से आपूर्ति भी होगी।
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