CBSE ने क्लास 12 का रिजल्ट डिक्लेअर कर दिया है l इस बार इस एग्जाम में 87.33% स्टूडेंट पास हुए हैं l साथ ही सीबीएसई बोर्ड ने बताया कि इस बार कोई मेरिट लिस्ट ज़ारी नहीं होगी l गर्ल्स ने इस बार भी लड़कों से बाज़ी मार ली, लड़कियों का पास परसेंटेज 90.68 % रहा, जबकि लड़कों का पास परसेंटेज 84.67 % रहा l
Friday, May 12, 2023
Thursday, March 23, 2023
सूर्या का अनोखा (शर्मनाक) रिकॉर्ड
SKY के नाम से इंडियन फैंस में फेमस इंडियन क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव ने एक बहुत ही शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया है। SKY लगातार तीसरे वनडे में गोल्डन डक का शिकार हुए। सूर्या पहले और दूसरे वनडे में मिचेल स्टार्क की बॉल पर LBW हुए थे। सूर्या बैटिंग हैट्रिक बनाने वाले 13वें इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं। जब कोई बल्लेबाज लगातार तीन पारियों की पहली बॉल पर जीरो पर आउट होता है, तो उसे बैटिंग हैट्रिक कहते हैं।
सूर्यकुमार से पहले भारत के सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले, जहीर खान, ईशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह भी लगातार 3 वनडे में शून्य पर पवेलियन लौटे हैं, लेकिन तीनों ही लगातार पहली बॉल पर आउट नहीं हुए थे।
(सोर्स : इंटरनेट )अब आपका मल बना सकता आपको करोड़पति , आपके साल भर के मल की कीमत लगभग 1.5 करोड़ रुपये
अब आपका स्तूल यानी की मल आपको करोड़पति बना सकता है।जी हाँ , आपने बिलकुल सही पढ़ा।अमेरिका और कनाडा में काम कर रही एक कंपनी स्तूल डोनर्स यानि 'मल डोनर्स' को 500 डॉलर (करीब 41,000 रुपये) देने की पेशकश कर रही है। ह्यूमन माइक्रोब्स नामक कंपनी लोगों को अपना स्तूल देने के लिए इनकरेज कर रही है और यह कंपनी दुनिया भर से कहीं से भी स्तूल के नमूने लेने ले लिए तैयार है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, "यदि आप हर दिन मल त्याग कर रहे हैं तो इसकी कुल कीमत $ 180,000 प्रति वर्ष हो सकती है।" इसका मतलब यह हुआ कि लगभग 1.5 करोड़ रुपये सिर्फ शौच करके ही कमाए जा सकते हैं!
और फिर भी आपको लगता है की यह पैसा आपके लाइट पर्याप्त नहीं है तो आप अपनी खुद की कीमत निर्धारित कर सकते हैं, ऐसा कंपनी की वेबसाइट दावा करती है। और यह पैसा कमाने के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है आपको कंपनी द्वारा दिया गया एक क्वेश्चनायर या प्रश्नावली के आंसर देने होंगे।उसके बाद आपको इंटरव्यू का सामना करना पड़ेगा और फिर कुछ हेल्थ रिलेटेड टेस्ट होंगे, जिनका सारा खर्चा कंपनी उठाएगी।
एक बार आपका सिलेक्शन होने के बाद डोनर्स को अपना कीमती माल यानि स्तूल को ड्राई आइस में रखकर शिपिंग के माध्यम से भेजना होगा। साथ ही साथ अगर आपको ऐसा लगता है कि अगर इस तरह की इनकम के बारें में किसी को पता न चले तो तो ह्यूमन यह कंपनी यानि माइक्रोब्स डोनर्स के नाम गुप्त रखने का आश्वासन देती है। कंपनी अपनी वेबसाइट में बताती है, " हम आपकी गोपनीयता बनाए रखने के लिए दानदाताओं को प्राप्तकर्ताओं से पूरी तरह से गुमनाम रखते हैं।"
ह्यूमन माइक्रोब्स कंपनी का टारगेट उन 0.1 प्रतिशत से कम लोगों को ढूंढना है जिनके पास मेजबान-देशी रोगाणु हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी चले जाते हैं और उन्हें डॉक्टरों, शोधकर्ताओं, अस्पतालों, नैदानिक परीक्षणों और व्यक्तियों से जोड़ते हैं। सरल शब्दों में, कंपनी उन कुछ लोगों की तलाश कर रही है जिनके मल में ये सूक्ष्म जीव हैं जो अनुसंधान उद्देश्यों के लिए उपयोगी हैं ताकि वे इन "उच्च गुणवत्ता वाले मल दाताओं" को शोधकर्ताओं से जोड़ सकें।
राहुल गाँधी को सूरत कोर्ट से बड़ा झटका, मान-हानि के एक केस में राहुल को दोषी करार दिया।
राहुल गाँधी को सूरत कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है, उनके खिलाफ चल रहे मान-हानि के एक केस में राहुल को दोषी करार दिया गया है।यह केस राहुल द्वारा 2019 में कर्णाटक में एक रैली में दिए गए भाषण 'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है...' से जुड़ा हुआ है। सजा का ऐलान कब होगा,अभी यह साफ नहीं है। यह मामला उन पर पिछले 4 साल से चल रहा था। इससे पहले कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। राहुल कोर्ट में मौजूद हैं।
राहुल के इस विवादित बयान के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर की थी। वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने उक्त टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी ।
राहुल गांधी के वकील कीरिट पानवाला ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलों की अंतिम सुनवाई की थी और फैसला सुनाने के लिए आज यानि 23 मार्च की तारीख तय की थी ।
Wednesday, March 22, 2023
हिन्दू नववर्ष की शुरुआत आज से, विक्रम संवत 2080 का प्रारंभ भी आज से
विश्व भर में अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, नया साल 1 जनवरी के दिन मनाया जाता है। लेकिन हिन्दू नववर्ष की शुरुआत आज से हो रही है, ऐसा माना जाता है कि जब से दुनिया की शुरुआत हुई तभी से समय का गणित चला आ रहा है। इसे हिंदू धर्म और ज्योतिष में काल गणना कहा जाता है। इसके कैलकुलेशन के हिसाब से आज से दुनिया का 1 अरब 97 करोड़ 29 लाख 40 हजार125वां साल शुरू हो चुका है। इसे हम आज हिंदू नववर्ष के तौर पर मना रहे हैं। इस साल हिंदू नव वर्ष की शुरूआत 22 मार्च 2023 को हो रही है।22 मार्च को चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को विक्रम संवत 2080 की शुरुआत हो रही है। हिंदू विक्रम संवत 2080 (Vikram Samvat 2080) अंग्रेजी कैलेंडर के वर्ष 2023 से 57 वर्ष आगे है।वक्त का हिसाब-किताब लगाने के लिए सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी, तीनों की चाल समझना बहुत जरूरी है। पृथ्वी पर दिन-रात होने और मौसम बदलने के जिम्मेदार सूर्य और चंद्रमा ही हैं। पृथ्वी, चंद्रमा के साथ सूर्य का चक्कर लगाती है। इस कारण, तीनों की चाल समझ कर ही सटीक काल गणना हो सकती है। इसके लिए ज्योतिष की किताबों में कई तरह सूत्र और सिद्धांत दिए गए हैं, जिनसे ये गणना की जाती है।परमार वंश के राजा उज्जैन के विक्रमादित्य ने ये कैलेंडर चलाया था। इसकी शुरुआत की तिथि 57-58 ईसापूर्व मानी जाती है। इस हिसाब से ये 2080 साल पुराना कैलेंडर है। राजा विक्रमादित्य के दरबार के नौ रत्नों में एक ज्योतिषाचार्य वराहमिहिर भी थे। जिनकी मदद से इस संवत में सटीक गणना की गई। आचार्य वराह मिहिर ने कई ज्योतिष ग्रंथों की रचना की थी, जो आज भी ज्योतिष के विद्यार्थियों को पढ़ाए जाते हैं। विक्रम संवत के महीने देवताओं या इंसानों के नाम पर नहीं बल्कि सूर्य और चंद्रमा की चाल के आधार पर हैं। जो कि ज्योतिर्विज्ञान की मदद से बना है इसलिए इसे वैज्ञानिक और प्रामाणिक संवत माना जाता है। सालभर के तीज-त्योहारों की तारीखें इसी कैलेंडर के हिसाब से तय होती हैं। इस बार नए वर्ष के राजा बुध ग्रह और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे। इन दोनों का आपसी संबंध मित्रता का है। ऐसे यह साल काफी अच्छा रहने वाला है।हिंदू धर्म की पूजनीय माता के नवरात्रि की शुरुआत भी इसी दिन से होती है।हालांकि कई बार लोगों के मन में सवाल आता है कि हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) की शुरुआत चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से ही क्यों होती है। तो चलिए आज इस बारे में जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) का प्रारंभ क्यों होता है।
- ब्रह्म पुराण के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी।अनुमान के मुताबिक करीब 1 अरब 14 करोड़ 58 लाख 85 हजार 123 साल पहले चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही सृष्टि बनी थी। यह कारण भी है कि इस दिन हिंदू नववर्ष मनाया जाता है।
- महापराक्रमी सम्राट विक्रमादित्य ने अपने नाम से संवत्सर की शुरुआत भी चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को की थी। यही वजह है कि हिंदू नववर्ष को विक्रमी संवत्सर भी कहा जाता है।इस वर्ष विक्रम संवत को 2079 वर्ष पूरे हो रहे हैं और विक्रम संवत 2080 लग रहा है।
राजधानी दिल्ली और इसके आस पास सटे NCR में मंगलवार रात 10:15 बजे के आस पास लगे भूकंप के झटके
राजधानी दिल्ली और इसके आस पास सटे NCR में मंगलवार रात 10:15 बजे के आस पास भूकंप के झटके महसूस किए गए। UP, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, बिहार में भी झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 6.6 आंकी गई। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद से 133 किमी दक्षिण पूर्व में रहा। भूकंप का केंद्र जमीन से 156 किमी की गहराई में था।
भूकंप से जानमाल के नुकसान की खबर तो अभी नहीं है, लेकिन दिल्ली में शकरपुर इलाके में एक इमारत के झुकने की सूचना मिली थी। दमकल विभाग के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने कहा- हमारी टीम ने पूरे इलाके में सर्च किया। हमें कहीं ऐसी बिल्डिंग नहीं मिली है। भारत के अलावा, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कजाकिस्तान और चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप के झटके लगने से लोग घबराहट में घरों से बाहर निकल गए। भूकंप के झटके कई सेकेंड तक महसूस किए गए।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। लोग घरों से बाहर की ओर दौड़े। राहत की बात यह रही कि इस भूकंप के कारण जिला चंबा में फिलहाल किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था।
फ़ोटो : प्रतीकात्मक (सोर्स : इंटरनेट)Monday, March 20, 2023
युवा रिसर्च का ऐसा विषय चुने जिसका लाभ समाज के अंतिम और गरीब व्यक्ति को मिले : डॉ. संजय तिवारी
विज्ञान किसी भी राष्ट्र की समृद्धि का मानक है यदि भारत को एक समृद्धशाली राष्ट्र बनाना है तो वैज्ञानिक राष्ट्र बनाना होगा। हम विज्ञान को उत्सव के रूप में मनाएंगे तो भारत को विश्वगुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता। भारत सबसे युवा देश है और देश के नव निर्माण में युवा वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। युवाओं से आग्रह है कि वे रिसर्च में ऐसा विषय चुने जिसका लाभ समाज के अंतिम और गरीब व्यक्ति को भी मिल सके। म.प्र. भोज यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजय तिवारी ने यह बात रविवार को एसएटीआई कॉलेज में तीन दिवसीय 38वीं म.प्र. युवा वैज्ञानिक कांग्रेस साइंस फेस्टिवल के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। डॉ. तिवारी ने विज्ञान और इसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आईटी, स्पेस, मैकेनिकल सहित सभी विश्व स्तरीय कंपनियों में भारतीय युवा प्रमुख जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। इनोवेशन ही है जो हमारे ज्ञान को धन में बदल सकता है। डॉ. तिवारी ने सर सी.वी. रमन के अनुसंधान का उल्लेख करते हुए कहा कि युवा वैज्ञानिकों को दूरदर्शिता के साथ अपने स्वयं के आइडिया के साथ आगे आना चाहिए और उसे अंत तक ले जाना चाहिए।
एनआईटीटीटीआर भोपाल के डायरेक्टर डॉ. सी.सी. त्रिपाठी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद वह संस्था है जो 38 वर्षों से युवा वैज्ञानिकों की खोज कर रही है। अब यह काम लगभग हर प्रदेश में होने लगा है। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से कहा कि वे अपने दिल की आवाज सुनें, मानवता की सेवा के लिए अनुसंधान करें और उसे प्रोडक्ट बनाने से पूर्व उसका पीछा न छोड़े।
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि इंटरनेट पर जितना कंटेन्ट मौजूद हैं उसमें से सिर्फ 0.2 प्रतिशत ही हिंदी में है। इसलिए जरूरी है कि युवा वैज्ञानिक अपनी मातृभाषा में रिसर्च पेपर लिखें और विश्व में भारतीय भाषाओं का मान बढाएँ। डॉ. कोठारी ने संस्था के कार्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारी संस्था युवा वैज्ञानिकों को 6 माह की फैलोशिप उपलब्ध कराती है, जिससे वे रिसर्च को बिना रूकावट पूरा कर सकें। अगले वर्ष हम इसरो और अमेरिका की नासा के साथ मिलकर निसर्ग उपग्रह लांच करने वाले है। इसी कार्यक्रम के लिए एमपीसीएसटी ने एक वेबसाइट बनाई है जो सारी जानकारी उलपब्ध कराएगी। युवा वैज्ञानिक हमारी संस्था से जुड़ कर नासा तक अपनी रिसर्च प्रस्तुत कर सकते हैं।
एसएटीआई के संचालक डॉ. आर.के. पंडित ने कहा कि अब समय बदल गया है। इसी कारण हम यहाँ हैं और हर क्षेत्र में उन्नति कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि हमें किसी भी हाल में आत्म-निर्भर रूपी मंत्र को नहीं भूलना है। आत्म-निर्भर होने के लिए विज्ञान ही हमें लक्ष्य तक पहुँचाएगा।
समपान समारोह के विशेष अतिथि कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के मेम्बर डॉ. एन.पी. शुक्ला ने कहा कि विज्ञान को उत्सव की तरह मनाएँ। विज्ञान को या रिसर्च को भारतीय भाषाओं में कम्प्यूटराइज्ड करना चाहिए।
एमपीसीएसटी भोपाल के पूर्व डायरेक्टर जनरल एवं बरकतरउल्लाह यूनिवर्सिटी भोपाल के पूर्व कुलपति प्रो. प्रमोद के वर्मा ने कहा कि रिसर्च एक सफर है जो स्वयं से शुरू होकर आइडिया, इनोवेशन, इन्क्यूबेशन और इम्प्लिमेंटेशन से होता हुआ प्रोडक्ट तक पहुँचता है। हमें अपनी रिसर्च में एन्वायरमेंट, एनर्जी, इकोनॉमिक्स और इथिक्स का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आर.एस. भारद्वाज ने 3 दिवसीय आयोजन की रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मनोज राठौर ने विजेता युवा वैज्ञानिकों और विज्ञान मॉडल विजेताओं की घोषणा की।
Featured Post
RBI ने गोल्ड लोन नियमों में किया बड़ा बदलाव, अब 1 लाख रुपए की गोल्ड वैल्यू पर 85,000 रुपए तक का मिल सकेगा लोन
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। रिजर्व बैंक ने 2.5 लाख रुपए तक के गोल्ड लोन पर लोन-टू-वैल्यू (LTV) रे...
-
PNB के खाता धारक कल शाम से Google pay और phone pay सुविधा का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। खाता धारक ना ही अपने PNB के अकाउंट का बैलेन्स check ...
-
देश भर में आज (गुरुवार) को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा दीपावली का पवन पर्व । हर साल की तरह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या ...
-
सस्ती एयरलाइन कैरियर इंडिगो ने भी बिज़नेस क्लास पैसेंजर्स को अट्रैक्ट करने का पूरा प्लान बना लिया है l इंडिगो ने भी 05 अगस्त 2024 से अपने एयर...