विश्व भर में अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, नया साल 1 जनवरी के दिन मनाया जाता है। लेकिन हिन्दू नववर्ष की शुरुआत आज से हो रही है, ऐसा माना जाता है कि जब से दुनिया की शुरुआत हुई तभी से समय का गणित चला आ रहा है। इसे हिंदू धर्म और ज्योतिष में काल गणना कहा जाता है। इसके कैलकुलेशन के हिसाब से आज से दुनिया का 1 अरब 97 करोड़ 29 लाख 40 हजार125वां साल शुरू हो चुका है। इसे हम आज हिंदू नववर्ष के तौर पर मना रहे हैं। इस साल हिंदू नव वर्ष की शुरूआत 22 मार्च 2023 को हो रही है।22 मार्च को चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को विक्रम संवत 2080 की शुरुआत हो रही है। हिंदू विक्रम संवत 2080 (Vikram Samvat 2080) अंग्रेजी कैलेंडर के वर्ष 2023 से 57 वर्ष आगे है।वक्त का हिसाब-किताब लगाने के लिए सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी, तीनों की चाल समझना बहुत जरूरी है। पृथ्वी पर दिन-रात होने और मौसम बदलने के जिम्मेदार सूर्य और चंद्रमा ही हैं। पृथ्वी, चंद्रमा के साथ सूर्य का चक्कर लगाती है। इस कारण, तीनों की चाल समझ कर ही सटीक काल गणना हो सकती है। इसके लिए ज्योतिष की किताबों में कई तरह सूत्र और सिद्धांत दिए गए हैं, जिनसे ये गणना की जाती है।परमार वंश के राजा उज्जैन के विक्रमादित्य ने ये कैलेंडर चलाया था। इसकी शुरुआत की तिथि 57-58 ईसापूर्व मानी जाती है। इस हिसाब से ये 2080 साल पुराना कैलेंडर है। राजा विक्रमादित्य के दरबार के नौ रत्नों में एक ज्योतिषाचार्य वराहमिहिर भी थे। जिनकी मदद से इस संवत में सटीक गणना की गई। आचार्य वराह मिहिर ने कई ज्योतिष ग्रंथों की रचना की थी, जो आज भी ज्योतिष के विद्यार्थियों को पढ़ाए जाते हैं। विक्रम संवत के महीने देवताओं या इंसानों के नाम पर नहीं बल्कि सूर्य और चंद्रमा की चाल के आधार पर हैं। जो कि ज्योतिर्विज्ञान की मदद से बना है इसलिए इसे वैज्ञानिक और प्रामाणिक संवत माना जाता है। सालभर के तीज-त्योहारों की तारीखें इसी कैलेंडर के हिसाब से तय होती हैं। इस बार नए वर्ष के राजा बुध ग्रह और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे। इन दोनों का आपसी संबंध मित्रता का है। ऐसे यह साल काफी अच्छा रहने वाला है।हिंदू धर्म की पूजनीय माता के नवरात्रि की शुरुआत भी इसी दिन से होती है।हालांकि कई बार लोगों के मन में सवाल आता है कि हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) की शुरुआत चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से ही क्यों होती है। तो चलिए आज इस बारे में जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) का प्रारंभ क्यों होता है।
- ब्रह्म पुराण के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी।अनुमान के मुताबिक करीब 1 अरब 14 करोड़ 58 लाख 85 हजार 123 साल पहले चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही सृष्टि बनी थी। यह कारण भी है कि इस दिन हिंदू नववर्ष मनाया जाता है।
- महापराक्रमी सम्राट विक्रमादित्य ने अपने नाम से संवत्सर की शुरुआत भी चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को की थी। यही वजह है कि हिंदू नववर्ष को विक्रमी संवत्सर भी कहा जाता है।इस वर्ष विक्रम संवत को 2079 वर्ष पूरे हो रहे हैं और विक्रम संवत 2080 लग रहा है।
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