Tuesday, June 28, 2022

रिलायंस जियो के बोर्ड ने आकाश अंबानी की बोर्ड के चेयरमैन पद पर नियुक्ति को दी मंजूरी ।

भारत के सबसे रिच मैन यानी कि मुकेश अंबानी ने अपने साम्राज्य यानि रिलायंस इंडस्ट्रीज को अगली पीढ़ी को सौंपने का काम स्टार्ट कर दिया है।इसी कड़ी में मंगलवार यानि आज दिनाँक 28 जून 2022  को मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। रिलायंस जियो के बोर्ड ने उनके बेटे आकाश अंबानी की बोर्ड के चेयरमैन पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है। पंकज मोहन पवार कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) का पद संभालेंगे क्योंकि मुकेश यह कभी नहीं चाहेंगे कि पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद भाई अनिल अंबानी से हिस्सेदारी के बंटवारे को लेकर जो विवाद हुआ था, वैसा उनके बच्चों के बीच भी हो। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग 27 जून को हुई थी जिसमें ये फैसले लिए गए हैं। कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर के रूप में रामिंदर सिंह गुजराल और केवी चौधरी की नियुक्ति को भी बोर्ड ने मंजूरी दी है। ये अपॉइंटमेंट 27 जून 2022 से 5 सालों के लिए है । पिछले साल अपने पिता धीरूभाई अंबानी के जन्मदिन के मौके पर मुकेश अंबानी ने कहा था, 'युवा पीढ़ी अब लीडरशिप की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अब मैं उत्तराधिकार की प्रक्रिया को तेज करना चाहता हूं। हमें नई पीढ़ी का मार्गदर्शन करना चाहिए। उन्हें सक्षम बनाना चाहिए। उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए और बैठकर तालियां बजानी चाहिए।' मुकेश अंबानी ने कहा था, 'मैं हर दिन रिलायंस के लिए बच्चों के जुनून, कमिटमेंट और समर्पण को देख और महसूस कर सकता हूं। मैं उनमें वही आग और काबिलियत देखता हूं, जो मेरे पिता के पास लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने और भारत के विकास में योगदान देने के लिए थी। समय आ गया है कि इस बड़े अवसर का लाभ उठाकर रिलायंस के भविष्य के विकास की नींव रखी जाए।' उन्होंने कहा था, 'रिलायंस एक कपड़ा कंपनी के रूप में शुरू हुई थी। अब कई बिजनेसेस में शामिल हैं। इसकी ऑयल टु केमिकल वाली कंपनी अब रिटेल, टेलिकॉम, ई-कॉमर्स जैसे सेक्टर में नंबर वन है। हमने अपने एनर्जी बिजनेस को भी पूरी तरह से नया रूप दिया, अब रिलायंस क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी और मटेरियल्स में ग्लोबल लीडर बनने की ओर अग्रसर है।'

आकाश अम्बानी 
सोर्स : इन्टरनेट 


अमेरिका में बड़ा हादसा, ट्रक में 46 लाशें, मरने वाले सभी प्रवासी, 16 लोगों को हॉस्पिटल में कराया गया भर्ती

    अमेरिका में अवैध तरीके से बसने के चक्कर में एक बड़ा हादसा सामने आया है। यहाँ सोमवार को एक ट्रक में 46 प्रवासियों के शव मिले हैं यह ट्रक अमेरिका के टेक्सास में रोड किनारे खड़ा पाया गया है18 पहियों वाला यह ट्रक टेक्सास के सैन एंटोनियो शहर में मिला है। इसके जरिए अवैध तौर पर बॉर्डर पार कराया जा रहा था।सैन एंटोनियो शहर टेक्सास- मैक्सिको बॉर्डर से करीब 250 किमी दूर है।जानकारी के मुताबिक ट्रक में 100 से अधिक लोगों ठूंस-ठूंसकर कर भरा गया था। इनमें से 16 लोगों को अस्पताल में एडमिट कराया गया है, जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। इनमें 4 बच्चे भी शामिल हैं।3 पीड़ितों की हालत स्थिर बताई जा रही है। जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची और इन्हें निकाला तो इनकी चमड़ी गर्म थी। फायर सर्विस के एक अधिकारी के मुताबिक, ट्रक कंटेनर के दरवाजे आधे खुले हुए थे। इसके अंदर वेंटिलेशन के लिए कोई जगह नहीं थी और कंटेनर में पानी की भी सुविधा नहीं थी। 3 पीड़ितों की हालत स्थिर बताई जा रही है। टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने इन मौतों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को जिम्मेदार ठहराया है। एबॉट ने कहा कि यह मौतें घातक ओपेन बॉर्डर पॉलिसी की वजह से हुई हैं। गर्मियों के महीनों में एंटोनियों शहर का तापमान काफी बढ़ जाता है। सोमवार को यहां 39.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

मेक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो एब्रार्ड ने बताया कि पीड़ितों की नागरिकता को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। इनकी पहचान के लिए दूतावास के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं।दक्षिणी बॉर्डर के रास्ते से अमेरिका में घुसपैठ करते समय पकड़े गए प्रवासियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस साल यह संख्या बीते 10 साल में सबसे अधिक दर्ज की गई। कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी बॉर्डर के पास ऐसे मामले एक साल पहले की तुलना में 30% अधिक बढ़ गए हैं।

तीन लोग पुलिस हिरासत में 
सैन एंटोनियो पुलिस डिपार्टमेंट के हेड विलियम मैकमैनस ने बताया कि इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इन तीन लोगों में ट्रक डाइवर शामिल है या नहीं। मेयर रॉन निरेनबर्ग का कहना है कि आज रात हम एक भयानक मानवीय त्रासदी से निपट रहे हैं।





एकनाथ शिंदे बन सकते हैं महाराष्ट्र के नए डिप्टी CM, शिंदे गुट और भाजपा मिलकर सरकार बनाने की कवायद में ।

महाराष्ट्र की राजनीति एक नया करवट लेने जा रही है।सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक महाराष्ट्र में शिंदे गुट और भाजपा मिलकर सरकार बनाने की कवायद में लगे हुए हैं।यह भी खबरें आ रही हैं कि नई सरकार में  भाजपा ने शिंदे गुट को 8 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्रियों का ऑफर दिया है।सूत्रों के मुताबिक, डिप्टी CM के लिए एकनाथ शिंदे का नाम रखा गया है। गुलाबराव पाटिल, संभुराज देशाई, संजय शिरसाट, दीपक केसरकर, उदय सामंत, मंत्री बन सकते हैं।

एकनाथ शिंदे


Thursday, May 19, 2022

महाराष्ट्र में पति की मृत्यु के बाद चूड़ी तोड़ने, सिंदूर पोंछने और मंगलसूत्र निकालने की प्रथा समाप्त

महाराष्ट्र ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसकी तारीफ़ पूरे देश में हो रही है यहाँ की सरकार ने एक बड़ा ही साहसी और सुधारात्मक कदम उठाते हुए विधवा महिलाओं के लिए चली आ रही कई रूढ़िवादी परंपराओं को समाप्त करने की पहल की है।अब महाराष्ट्र में पति की मृत्यु के बाद चूड़ी तोड़ने, सिंदूर पोंछने और मंगलसूत्र निकालने की प्रथा को समाप्त कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कोल्हापुर की हेरवाड ग्राम पंचायत को नजीर मानते हुए पूरे राज्य में विधवा प्रथा को खत्म करने का आदेश दिया है। यह सरकारी आदेश (सर्कुलर) राज्य सरकार की ओर से सभी ग्राम पंचायतों को जारी किया गया है। इसे पालन करवाने का जिम्मा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) को सौंपा गया है। फिलहाल नियम नहीं मानने पर सजा का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। CEO को ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने और व्यापक जनजागृति फैलाने के लिए कहा गया है। CEO इस काम के लिए जिला परिषद के सभी अधीनस्थ ग्राम पंचायत अधिकारी और कर्मचारियों की मदद ले सकेंगे और उनकी सहमति से इस पर ग्राम पंचायत स्तर पर नियम बना सकेंगे। प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने सभी ग्राम पंचायतों को हेरवाड ग्राम पंचायत का अनुकरण कर एक आदर्श स्थापित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुप्रथा को रोकने के लिए महाराष्ट्र हमेशा आगे रहा है। हेरवाड ग्राम पंचायत ने पति के निधन के बाद पत्नी का सिंदूर पोंछने और मंगलसूत्र निकालने जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए प्रस्ताव पारित किया है। सरकार के इस फैसले पर शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा है-जब यह मामला सामने आया था, तब मैंने मांग की थी कि हेरवाड ग्राम पंचायत का फैसला पूरे राज्य में लागू किया जाए। यह एक क्रांतिकारी फैसला है। वरिष्ठ अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट आभा सिंह ने कहा कि इस फैसले का स्वागत है। यह महिलाओं को समानता देने का कदम है। देशभर में जहां भी यह कुप्रथा है, उसे तत्काल खत्म करना चाहिए। कोल्हापुर जिले की हेरवाड़ ग्राम पंचायत ने 4 मई को विधवाओं की यह अमानवीय प्रथा बन्द करने को लेकर एक प्रस्ताव रखा था, जिसको सर्वसम्मति से सभी ग्राम पंचायत सदस्यों ने पारित कर दिया। इस गांव के इस प्रस्ताव की हर राज्य में खूब चर्चा हुई थी। गांव के लोगों ने यह तय किया कि अगर पति की मृत्यु हो जाती है तो उसके अंतिम संस्कार के बाद महिला की चूड़ियां तोड़ने और माथे से सिंदूर पोंछने, मंगलसूत्र निकालने जैसे कृत्य नहीं किए जाएंगे और महिला को समाज में अपमानित नहीं किया जाएगा।हेरवाड की तर्ज पर कोल्हापुर के मानगांव ने भी अपने यहां विधवा प्रथा को पिछले सप्ताह बंद करने का ऐलान किया था। शिरोल तहसील में आने वाले हेरवाड़ गांव के सरपंच सुरगोंडा पाटिल ने बताया कि करमाला तहसील में महात्मा फुले समाज सेवा मंडल के संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद जिंजादे ने यह पहल की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को इस प्रथाओं से गुजरना पड़ता है, जो बहुत अपमानजनक होता है। पाटिल ने आगे कहा, 'हमें इस प्रस्ताव पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है, क्योंकि इसने हेरवाड़ को अन्य ग्राम पंचायतों के लिए एक मिसाल के तौर पर पेश किया। खासकर जब हम समाज सुधारक राजा राजर्षि छत्रपति साहू महाराज का 100वां पुण्यतिथि वर्ष मना रहे हैं, जिन्होंने महिलाओं के उद्धार के लिए काम किया।'
नर्मदा प्रदेश 
महाराष्ट्र सरकार के इस कदम की सराहना और तहे दिल से स्वागत करता है साथ ही साथ भारत सरकार से भी सम्पूर्ण देश में इन रुढ़िवादी प्रथाओं को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाने का अनुरोध करता है

Thursday, May 5, 2022

पंजाब में ला यूनिवर्सिटी के 48 छात्र मिले कोरोना पाजिटिव

पंजाब में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। बुधवार को राज्य में 72 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इनमें से 49 केवल पटियाला से हैं। यहां की ला यूनिवर्सिटी के 48 छात्र पाजिटिव मिले हैं। इससे पहले भी यूर्निवर्सिटी के 15 छात्र पाजिटिव पाए गए थे। पटियाला के सिविल सर्जन डा. राजू धीर ने बुधवार को यूनिवर्सिटी का दौरा कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि पाजिटिव छात्रों को अलग से आइसोलेट किया जाए। वहीं दूसरी तरफ मोहाली में भी 11 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई। राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 230 हो गई है और इनमें से छह मरीज आक्सीजन सपोर्ट पर हैं। एक अप्रैल, 2022 के बाद राज्य में संक्रमण के कुल 659 मामले सामने आ चुके हैं। इसी समय के दौरान 514 मरीजों ने कोरोना को मात दी, जबकि चार मरीजों की मौत भी हुई। 

Wednesday, May 4, 2022

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के झटके ने बाज़ार को किया तहस नहस

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने  आज ऐसा चौंकाया की स्टॉक मार्किट में गिरावट की सुनामी ही आ गयी(RBI)  ने लगातार बढ़ती महंगाई को देख कर रेपो रेट को 4% बढ़ाकर 4.40% कर दिया है। क्या हुए इसके मायने ? सामान्य भाषा में आपकी EMI और लोन महंगा होने वाला है। 2 और 3 मई को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की आपात बैठक हुई थी जिसमें ये फैसला लिया गया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी। मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है। इस वित्त वर्ष की पहली बैठक पिछले महीने 6-8 अप्रैल को हुई थी। अगली बैठक जून में होनी थी।इस रेट हाइक का तुरन्त रिएक्शन हुआ इंडियन स्टॉक मार्किट पर।दोपहर 3:20 बजे  निफ़्टी में करीब 400  अंकों की और सेंसेक्स में करीब 1300 अंकों की गिरावट आ चुकी थी 



Monday, May 2, 2022

देश में वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं, आर्टिकल-21 के तहत व्यक्ति की शारीरिक अखंडता बिना अनुमति नहीं भंग की जा सकती : सुप्रीम कोर्ट

आज अपने एक आदेश में  देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को वैक्सीनेशन के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि आर्टिकल-21 के तहत व्यक्ति की शारीरिक अखंडता को बिना अनुमति नहीं भंग की जा सकती है। ऐसे में देश में वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कुछ राज्य सरकारों ने जो शर्तें लगाईं, सार्वजनिक स्थानों पर नॉन वैक्सीनेटेड लोगों को बैन करना सही नहीं है। इसके अलावा, SC ने केंद्र को COVID-19 टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभावों का डेटा सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया है।हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि वह संतुष्ट है कि मौजूदा वैक्सीन नीति को अनुचित और स्पष्ट रूप से मनमाना नहीं कहा जा सकता है। SC का कहना है कि सरकार सिर्फ नीति बना सकती है और जनता की भलाई के लिए कुछ शर्तें लगा सकती है। कोरोना वैक्सीनेशन पर 17 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने हलफनामा दाखिल किया था। केंद्र ने अपने हलफनामा में कहा था कि देश भर में कोरोना वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं है, न किसी पर वैक्सीन लगवाने का कोई दबाव है।



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