Monday, April 18, 2022

बढ़ते कोरोना केसेस से चीन की हालत पतली,शंघाई में शुक्रवार को कोरोना के रिकॉर्ड 23,513 नए मामले दर्ज, महीने भर से लॉक डाउन जारी

दुनिया भर में कोरोना फ़ैलाने के जिम्मेदार माने जा रहे चीन पर इस समय कोरोना ने हाहाकार मचा रखा है। चीन की सबसे प्रमुख इन्डस्ट्रीअल सिटी शंघाई में कोरोना ने चारों तरफ कोहराम मचा दिया है, शुक्रवार को शंघाई में कोरोना के रिकॉर्ड 23,513 नए मामले दर्ज किए गए इनमें 19,923 मरीज़ असिम्पटोमैटिक थे और सबसे बड़ी बात यह कि इतने अधिक केस तब आ रहे हैं जबकि शंघाई में पिछले एक  महीने से लॉकडाउन लगा हुआ है। कोरोना की बेकाबू रफ्तार को देखते हुए दूसरे शहरों ने भी एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। शिआन शहर के अधिकारियों ने लोगों से बेवजह घर बाहर नहीं निकलने और गैरजरूरी यात्राओं से बचने की अपील की है। इस महीने कोरोना ब्लास्ट होने के बाद कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दे दिया है।दूसरी तरफ सेंट्रल चीन के मैन्युफैक्चरिंग एरिया झेंगझोऊ एयरपोर्ट इकोनॉमिक जोन में शुक्रवार को 14 दिन का लॉकडाउन लगा दिया गया।चीन की  सरकार लॉकडाउन के जरिए कोरोना को बेहतर तरीके से काबू करना चाहती है।जीरो कोविड पॉलिसी के तहत चीन में कड़े कोरोना प्रोटोकाल लागू किए गए हैं। यहां मरीज को अस्पताल में भर्ती होना जरूरी होता है। चीन में होम आइसोलेशन या क्वारैंटाइन की मनाही है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक शंघाई से 70 किलोमीटर दूर वायरस का नया वैरिएंट मिला है। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन के BA.1.1 वैरिएंट से विकसित हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नया वैरिएंट चीन में फैले कोरोनो वायरस से मेल नहीं खाता। 

लॉक डाउन डाउन करेगा चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ 
शंघाई चीन के साथ दुनिया के अन्य देशों के आर्थिक कारोबार के लिए भी काफी महत्व रखता है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि लॉकडाउन की वजह से देश की आर्थिक रफ्तार पर असर पड़ेगा। चीन के इलेक्ट्रिक कार मार्कर एक्सपेंग ने कहा कि अगर शंघाई और आसपास के इलाकों में सप्लायर्स फिर से काम शुरू नहीं कर सकते हैं तो वाहन निर्माताओं को अगले महीने प्रोडक्शन रोकना पड़ेगा।

शंघाई में सबसे अधिक बुजुर्ग आबादी प्रभावित -
शंघाई में लाखों लोग भोजन की कमी, अपने पड़ोसियों को पृथकवास तक पहुंचाने में देरी और रोजमर्रा की परेशानियों से जूझ रहे हैं, इस महामारी से शंघाई में सबसे अधिक बुजुर्ग आबादी प्रभावित है. शंघाई चीन के उन शहरों में से एक हैं जहां बुजुर्गों की आबादी सबसे ज्यादा है. अनिश्चितकालीन लॉकडाउन के दौरान इस समूह पर ज्यादा प्रभाव इसलिए भी आया है, क्योंकि अधिकतर लोग उम्र संबंधी पुरानी बीमारियों से भी ग्रसित हैं. इसके साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बृहस्पतिवार को अपने हैनान प्रांत के दौरे में कहा, ‘‘यह देखते हुए कि वैश्विक कोविड-19 महामारी की स्थिति अभी भी गंभीर है, हमें अपनी प्रतिक्रिया में कभी भी ढील नहीं देनी चाहिए, क्योंकि जीत दृढ़ता से आती है.’’

फ़ोटो सोर्स : इन्टरनेट 





Friday, April 15, 2022

देश में कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना बढ़ी....

कोरोना को लेकर एक बार फिर से हालात बिगड़ते दिख रहे हैं और अगर यही कंडीशन रही तो देश में चौथी लहर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वैसे भी हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा है कि दिल्‍ली, गुड़गांव, नोएडा, हरियाणा, उत्‍तर प्रदेश, महाराष्‍ट्र और गुजरात में नए केस कई गुणा बढ़ गए हैं।ऐसे में बाकी राज्‍यों में भी जल्‍द ही कोरोना के पॉजिटिव केस बढ़ सकते हैंस्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो कोरोना के 1007 नए मामले बीते 24 घंटे में सामने आए हैं जबकि 23 कोरोना संक्रमितों की अस्‍पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई और चौथी लहर की संभावना इस बात से भी बढ़ती दिख रही क्योंकि Covid 19 के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, जिनमें  Covid 19 XE Variant प्रमुख है, इस XE Variant  को 10 से 70 गुणा तक संक्रामक बताया जा रहा है और इसीलिए कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन XE वैरिएंट को लेकर डॉक्टर्स ने सख्‍त चेतावनी दी है। पिछले तीन महीने में पहली बार कई राज्यों में एक साथ कोरोना के नए मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। हालांकि राहत की बात यह है कि महाराष्ट्र और गुजरात में XE वैरिएंट के नए मामले सामने आने के बाद नया कोई केस सामने नहीं आया है। पिछले 2 दिनों में भारत में XE वैरिएंट के नए केस नहीं मिले हैं।हालांकि, तमाम सुरक्षा एहतियात और पाबंदियां हटाए जाने के बाद भी एक्‍सपर्ट और केंद्र सरकार पूरे मामले पर पैनी नजर रख रही है।लिहाजा देशभर के अस्‍पतालों में कोरोना की चौथी लहर से निपटने का इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं।दुनिया भर के कई देशों के साथ-साथ भारत में भी COVID-19 के मामले तेजी से बढ़ने के साथ ही लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। 

(सोर्स: इंटरनेट)

लगातार बढ़ते मामलों पर एक्सपर्ट आम लोगों की बेफिक्री और कोरोना के नए-नए वैरिएंट को जिम्‍मेवार ठहरा रहे हैं। वैसे भी IIT कानपुर  के शोधकर्ताओं के मुताबिक देश में कोरोना के चौथी लहर (Covid 4th Wave) जून महीने तक आ सकती है। इस अनुमान के बाद लोगों की चिंता बढ़ गयी है। भले ही देश में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट की वजह से फैली तीसरी लहर का प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो गया हो लेकिन IIT कानपुर के इस नए अनुमान से चौथी लहर की आशंका बढ़ गयी है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के गणित और सांख्यिकीय विभाग द्वारा यह शोध किया गया है जिसमें यह कहा गया है कि अगर ऐसे ही आंकड़े बने रहे तो देश में कोरोना की चौथी लहर जून तक आ सकती है। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों द्वारा किये गए इस अध्ययन में कहा गया है कि भारत में कोरोना की चौथी लहर जून महीने तक आ सकती है। आइआइटी के गणित और सांख्यिकीय विभाग के शोधकर्ताओं ने गासियन वितरण प्रणाली के आधार पर यह अध्ययन किया है। आईआईटी के वैज्ञानिक प्रो. शलभ और एसोसिएट प्रोफेसर शुभ्रा शंकर के निर्देशन में आईआईटी के शोधार्थी सबरा प्रसाद राजेश भाई कोरोना के अब तक के डेटा के आधार पर यह अध्ययन किया है। इस डेटा को निकालने के लिए बूट स्ट्रेप प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है।आईआईटी कानपुर द्वारा किये गए इस शोध को अवर वर्ल्ड इन डाटा नाम की वेबसाइट से लिए गए डेटा के आधार पर किया है। भारत में कोरोना के अभी तक के आंकड़े के मुताबिक यह कहा गया है कि भारत में कोरोना की चौथी लहर 22 जून से शुरू हो सकती है। देश में चौथी लहर का पीक 23 अगस्त 2022 के बीच होगा और 22 अक्टूबर तक यह लहर खत्म हो सकती है। 



अल्पना की कलम से.... 



Tuesday, April 12, 2022

MPPSC ने राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के 446 पदों के लिए आवेदन मंगायें, 15 अप्रैल 2022 लास्ट डेट

MPPSC ने एक बार फिर से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए ख़ुशख़बरी सुनाई हैंMPPSC ने राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के 446 पदों पर भर्ती के लिए योग्य कैंडिडेट्स से आवेदन मांगे हैं। इसके लिए इच्छुक कैंडिडेट्स 15 अप्रैल 2022 तक अपने आवेदन भेज सकते हैं।

शैक्षणिक योग्यता: मान्यता प्राप्त संस्थान से बीई/ बी-टेक की डिग्री।  

आयु सीमा: सामान्य वर्ग के कैंडिडेट्स की आयु 21 से 40 साल के बीच होनी चाहिए।आरक्षित वर्ग के कैंडिडेट्स को सरकारी नियमानुसार आयु सीमा में छूट दी जाएगी।

आवेदन शुल्क: सामान्य वर्ग के कैंडिडेट्स को शुल्क के रूप में 1200 रुपए देना होगा। जबकि आरक्षित वर्ग के कैंडिडेट्स को आवेदन शुल्क में छूट दी जाएगी।

वेतनमान: चयनित कैंडिडेट्स को 15600-39100 रुपए प्रति माह वेतन दिया जाएगा।

चयन प्रक्रिया: चयन प्रारंभिक लिखित परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा।

अधिक जानकारी MPPSC की वेबसाइट  https://mppsc.mp.gov.in पर जाकर प्राप्त की जा सकती है l


 


Friday, April 8, 2022

नहीं बढ़ेगी आपकी EMI, आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव नहीं

आरबीआई (RBI) ने FY23 की पहली बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है रेपो रेट को 4% पर जस का तस रखा है इससे सबसे बड़ा फायदा कंज्यूमर यानी आम आदमी को होगा, आम आदमी की EMI पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।लेकिन इसके साथ ही  वहीं RBI ने FY23 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7.8% से घटाकर 7.2% कर दिया है और महंगाई दर का अनुमान 4.5% से बढ़ाकर 5.7% कर दिया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सभी सदस्यों की सहमति से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि बाजार से लिक्विडिटी धीरे-धीरे बाहर निकाली जाएगी। RBI गवर्नर ने कहा, सप्लाई चेन को लेकर ग्लोबल मार्केट दबाव में है। RBI हर दो महीने पर पॉलिसी रिव्यू मीटिंग करता है। FY23 की यह पहली रिव्यू मीटिंग है जो 6 अप्रैल को शुरू हुई थी। इससे पहले RBI की बैठक फरवरी में हुई थी।लास्ट टाइम 22 मई 2020 को रेपो रेट में बदलाव हुआ है। तब से रेपो रेट 4% के ऐतिहासिक लो लेवल पर बना हुआ है। रेपो रेट वह रेट होता है जिस पर RBI से बैंकों को कर्ज मिलता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस दर पर बैंकों को RBI के पास अपना पैसा रखने पर ब्याज मिलता है। 

GDP ग्रोथ  को लेकर RBI के अनुमान

  • FY23 GDP ग्रोथ अनुमान 7.8% से घटाकर 7.2%
  • FY23 के Q2 में GDP ग्रोथ अनुमान 7% से घटाकर 6.2%
  • FY23 के Q3 में GDP ग्रोथ अनुमान 4.3% से घटाकर 4.1%
  • FY23 के Q4 में GDP ग्रोथ अनुमान 4.5% से घटाकर 4%
  • GDP ग्रोथ अनुमान कच्चे तेल के 100 डॉलर प्रति बैरल पर आधारित


Thursday, April 7, 2022

आखिर क्यों आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका , भारत ने फिर दूसरी बार श्रीलंका को भेजी मदद

ऐसा क्या हुआ इस देश की स्थिति इतनी ख़राब हो गयी

    श्रीलंका के हालात देखकर यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ जो यह देश इस स्थिति में पहुंच गया? इसके कारणों की जुड़ में बीते कुछ सालों के दौरान किए गए फैसले, टैक्स व्यवस्था में किए गए बदलाव और कोरोना महामारी की मार के मिलेजुले असर की मार है. श्रीलंका सरकार ने नवंबर 2019 के आखिर में वैल्यू एडड टैक्स यानी वैट की दरों को 15 प्रतिशत से घटाकर 8 फीसद करने का फैसला किया. जाहिर है इसका असर राजकोषीय आमदनी पर हुआ. इस फैसले को लेते वक्त अपनी करीब 13% आमदनी के लिए पर्यटन पर निर्भर श्रीलंका ने सोचा भी नहीं था कि चंद महीनों में पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में होगी. ऐसे में सबसे ज्यादा प्रभावित पर्यटन क्षेत्र ही हुआ और इसने श्रीलंका के खजाने को बड़ा झटका दिया.

    

    जानकारों का मानना है कि श्रीलंका का बेहद सख्त कोविड पाबंदियां लगाना भी उसके लिए मुसीबत बना क्योंकि इनके चलते भारत से जाने वाले पर्यटकों की संख्या में बड़ी कमी आई. आलम यह था कि साल 2018 में श्रीलंका की आमदनी जहां रिकार्ड 47 करोड़ डॉलर थी वहीं दिसंबर 2020 में घटकर महज 5 लाख डॉलर तक गिर गई. श्रीलंका के खजाने को बड़ा झटका कोविड19 काल में विदेशों में काम करने वाले अपने नागरिकों से भेजे जाने वाली रेमिटेंस मनी में कटौती से भी मिला. कोरोना काल में खाड़ी देशों के इलाकों में काम करने वाले श्रीलंकाई नागरिकों की नौकरियां गईं और उन्हें मुल्क लौटना पड़ा. ऐसे में जहां अर्थव्यस्था पर आय की कमी का बोझ आया वहीं बड़े पैमाने पर लौटे नागरिकों की चुनौती से भी जूझना पड़ा.


इस बार भारत ने श्रीलंका को 40 हजार मीट्रिक टन की मदद की है.


    श्रीलंका की डूबती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए भारत ने 1 बिलियन अमरीकी डॉलर का कर्ज देने का भी ऐलान किया है। इस बीच गोटबाया सरकार को लगातार जनता का विरोध झेलना पड़ रहा है। बुधवार को श्रीलंका में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

    गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत लगातार मदद पहुंचा रहा है। भारत ने क्रेडिट लाइन के तहत दूसरी बार श्रीलंका को फ्यूल क्राइसिस से निपटने के लिए डीजल और पेट्रोल सप्लाई किया है। मंगलवार और बुधवार को भारत से 36 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल और 40 हजार मीट्रिक टन डीजल श्रीलंका पहुंचा। भारत अब तक 2.70 लाख मीट्रिक टन से अधिक फ्यूल श्रीलंका भेज चुका है।



एक और उम्मीद राहत की , 88 लाख बिजली बिल उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत आज 7 अप्रैल को सीएम करेंगे शुभारंभ.......

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आज 7 अप्रैल को कटनी जिले के स्लीमनाबाद में मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना-2022 का शुभारंभ कर हितग्राहियों को प्रमाण-पत्र वितरित करेंगे. योजना में प्रदेश के 88 लाख बिजली उपभोक्ताओं को 6414 करोड़ 32 लाख रूपये की राहत राज्य सरकार द्वारा दी जायेगी. प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान निम्न आय वर्ग वाले (जिसका अप्रैल 2020 में बिजली बिल 400 या इससे कम आता था) घरेलू उपभोक्ताओं का मई, जून व जुलाई महीने का बिजली बिल को होल्ड किया गया था। इस होल्ड हुए बिल की बकाया राशि के निराकरण के लिए "मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना-2022” लागू की है।



सीएम शिवराज सिंह चौहान स्लीमनाबाद में करेंगे शुभारंभ

सीएम शिवराज सिंह चौहान आज दोपहर स्लीमनाबाद (कटनी) में इस योजना का शुभारंभ कर रहे हैं। इसका सीधा प्रसारण आकाशवाणी, दूरदर्शन और क्षेत्रीय चैनल के साथ सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से होगा।
लाभ पाने वाले को जनप्रतिनिधि प्रमाण-पत्र देंगे। जहां आज शिविर नहीं लग पाया है, वहां 8 अप्रैल काे शिविर लगेगा।

मुख्यमंत्री जबलपुर से होकर जाएंगे कटनी सीएम

"मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना-2022’ के शुभारंभ करने कटनी जा रहे सीएम अल्प प्रवास पर जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट पर आएंगे। आज दोपहर 12.20 बजे भोपाल से वायुयान द्वारा जबलपुर के डुमना विमानतल पहुंचेंगे। लगभग पांच मिनट रुकने के बाद दोपहर 12.25 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा कटनी जिले के झिंझरी स्थित हेलीपेड रवाना होंगे। कटनी और स्लीमनाबाद के कार्यक्रमों में शामिल होकर शाम 4.50 बजे स्लीमनाबाद से हेलीकॉप्टर द्वारा डुमना आएंगे। 5 मिनट बाद वे भोपाल के लिए रवाना हो जाएंगे। ऐसे उपभोक्ताओं को बिजली वितरण कंपनी को निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। बिजली वितरण कंपनी पूरा अधिभार और मूल बिल का 50 प्रतिशत वहन करेगी और शेष 50 प्रतिशत मूल बिल सरकार वहन करेगी। इसके एवज में वितरण कंपनियों को सब्सिडी दी जाएगी। कंपनी उपभोक्ताओं को बिल माफी प्रमाणपत्र जारी करेगी। वहीं जिन उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन स्थायी रूप से काट दिए गए हैं। कनेक्शन दोबारा जोड़ने के लिए उन्हें कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।

(साभार: अल्पना की कलम से)

Wednesday, April 6, 2022

कंपनी हो तो ऐसी, महँगाई से निपटने के लिए दे रही सभी एम्पलॉईस को 74000 रुपए l

जहाँ एक तरफ बढ़ती महगाँई ने लोगों की नाक में दम कर रखा है वहीं एक ब्रिटिश कंपनी ने हाल ही में प्रत्येक कर्मचारी को ईंधन और बिजली जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती लागत से निपटने में मदद करने के लिए £750 (74,091 रुपये) दिए।एमरीज़ टिम्बर और बिल्डर्स मर्चेंट्स के 60 से अधिक कर्मचारियों को राशि का भुगतान किया जा रहा है। LADbible ने बताया कि इसके लिए कंपनी के प्रबंध निदेशक ने अपनी जेब लगभग 45,000 पाउंड (44.46 लाख रुपये) का भुगतान किया । कंपनी ने अपने ट्वीट में बताया कि "ईंधन/पेट्रोल और बिजली/गैस की बढ़ती लागत के कारण, हमने एमरी के प्रत्येक कर्मचारी को £750 (74,091 रुपये) का भुगतान करने का निर्णय लिया है। हमें उम्मीद है कि यह एक अस्थिर वित्तीय समय के दौरान हमारी टीम की मदद करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगा। एक परिवार की तरह, एमरी मुश्किल समय में एक-दूसरे का ख्याल रखती हैं!" द सन को कंपनी के प्रबंध निदेशक और तीन बच्चों के पिता जेम्स हिपकिंस ने कहा, "हर किसी के संघर्ष के साथ हमने सोचा कि हम उस अच्छे भाग्य में से कुछ को कर्मचारियों के साथ साझा करना चाहते हैं। वे इसकी उम्मीद नहीं कर रहे थे और वे बहुत खुश थे।"


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लोन होंगे सस्ते, RBI ने की रेपो रेट में कटौती 0.50%

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर यानी रेपो रेट में 0.50% की कटौती की है। अब रेपो रेट 5.50% रह गया है। इससे बैं...