नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज (एनआईडीए) और नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की एक स्टडी के अनुसार भारत समेत दुनिया के 21 देशों में 1 मार्च 2020 से 30 अप्रैल 2021 के दौरान 15 लाख से अधिक बच्चों ने अपने माता-पिता या उन अभिभावकों को खो दिया, जो उनकी देखभाल करते थे। दोनों संस्थाओं का यह संयुक्त अध्ययन मशहूर हेल्थ जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित हुआ है।इस स्टडी में यह बात निकलकर आयी है कि कोरोना के कारण सिर्फ़ भारत में 25,500 बच्चों ने अपनी माँ , और 90,751 बच्चों ने अपने पिता को खो दिया। वहीं, 12 बच्चे ऐसे हैं, जिनके ऊपर से माँ बाप दोनों का साया उठ गया है । रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि 2,898 भारतीय बच्चों ने दादा-दादी/नाना-नानी को खो दिया जबकि नौ बच्चों ने दोनों को खो दिया। दुनियाभर में ऐसे बच्चों की संख्या 11.34 लाख है, जिन्होंने माता-पिता या संरक्षक दादा-दादी/नाना-नानी को खो दिया। इनमें 10.42 लाख बच्चों ने मां, पिता या दोनों को खोया। दुनियाभर में 15.62 लाख बच्चों ने माता-पिता में से एक या देखभाल करने वालों में से एक को या साथ रह रहे दादा-दादी/नाना-नानी (या अन्य रिश्तेदार) को खो दिया।
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