Monday, January 2, 2023

केंद्र सरकार का नोटबंदी का डिसीजन सही : पांच जजों की संविधान पीठ

नोटबंदी को आज देश के सबसे बड़े कोर्ट ने सही ठहराया दिया है। पांच जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार का नोटबंदी का डिसिशन सही था। पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल थे। बेंच ने कहा कि 500 और 1000 के नोट बंद करने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। बेंच ने यह भी कहा कि आर्थिक फैसले को पलटा नहीं जा सकता। संविधान पीठ ने यह फैसला चार-एक के बहुमत से सुनाया। इनमें से जस्टिस बीवी नागरत्ना ने बाकी चार जजों की राय से अलग फैसला लिखा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला गैरकानूनी था। इसे गजट नोटिफिकेशन की जगह कानून के जरिए लिया जाना था। हालांकि उन्होंने कहा कि इसका सरकार के पुराने फैसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

8 नवंबर 2016 को PM मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को देश के नाम संदेश में रात 12 से 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। उस समय सरकार को उम्मीद थी कि नोटबंदी से कम से कम 3-4 लाख करोड़ रुपए का काला धन बाहर आ जाएगा। हालांकि, पूरी कवायद में 1.3 लाख करोड़ रुपए का काला धन ही सामने आया।

सरकार ने RBI से सलाह लेकर की थी नोटबंदी:- पांच जजों की संविधान पीठ 

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा- नोटबंदी से पहले सरकार और RBI के बीच बातचीत हुई थी। इससे यह माना जा सकता है कि नोटबंदी सरकार का मनमाना फैसला नहीं था। संविधान पीठ ने इस फैसले के साथ ही नोटबंदी के खिलाफ दाखिल सभी 58 याचिकाएं खारिज कर दीं।

सरकार ने कहा था- RBI की सलाह पर की नोटबंदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में 1000 और 500 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ 58 कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि किस कानून के तहत 1000 और 500 रुपए के नोट बंद किए गए थे। कोर्ट ने इस मामले में सरकार और RBI से जवाब तलब किया था। केंद्र सरकार ने पिछले साल 9 नवंबर को दाखिल हलफनामे में कहा था कि 500 और 1000 के नोटों की तादाद बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। इसीलिए फरवरी से लेकर नवंबर तक RBI से विचार-विमर्श के बाद 8 नवंबर को इन नोटों को चलन से बाहर करने यानी नोटबंदी का फैसला लिया गया था।

याचिका में दलील- करेंसी रद्द करने का अधिकार नहीं 
इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 26 (2) किसी विशेष मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों को पूरी तरह से रद्द करने के लिए सरकार को अधिकृत नहीं करती है। धारा 26 (2) केंद्र को एक खास सीरीज के करेंसी नोटों को रद्द करने का अधिकार देती है, न कि संपूर्ण करेंसी नोटों को।

केंद्र ने कहा था- काले धन​ से निपटने की थी नोटबंदी​​​​​
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने नोटबंदी के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि यह जाली करंसी, टेरर फंडिंग, काले धन और कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की प्लानिंग का हिस्सा और असरदार तरीका था। यह इकोनॉमिक पॉलिसीज में बदलाव से जुड़ी सीरीज का सबसे बड़ा कदम था। केंद्र ने यह भी कहा था कि नोटबंदी का फैसला रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की सिफारिश पर ही लिया गया था।

कोर्ट में सरकार ने नोटबंदी से हुए फायदे भी गिनाए
केंद्र ने अपने जवाब में यह भी कहा कि नोटबंदी से नकली नोटों में कमी, डिजिटल लेन-देन में बढ़ोत्तरी, बेहिसाब आय का पता लगाने जैसे कई लाभ हुए हैं। अकेले अक्टूबर 2022 में 730 करोड़ का डिजिटल ट्रांजैक्शन ​​​​​​हुआ, यानी एक महीने 12 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन रिकॉर्ड किया गया है। जो 2016 में 1.09 लाख ट्रांजैक्शन, यानी करीब 6,952 करोड़ रुपए था।

Saturday, December 31, 2022

अमेरिका में मिला कोरोना का नया वैरिएंट XBB.1.5, पिछले BQ.1 वैरिएंट से 120 गुना ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाता है

चीन के बाद अब अमेरिका से कोरोना को लेकर नई टेंशन निकलकर सामने आयी हैअमेरिका में कोरोना का नया वैरिएंट XBB.1.5 मिला है जो दूसरे वैरिएंट की तुलना में बेहद खतरनाक है। चीनी मूल के अमेरिकी हेल्थ ​​​एक्सपर्ट एरिक फेगल डिंग ने कहा है कि यह पिछले BQ.1 वैरिएंट से 120 गुना ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाता है।डिंग ने कहा है कि XBB.1.5 कोरोना का एक सुपर वैरिएंट है।यह पहले के तमाम वैरिएंट्स के मुकाबले तेजी से इंसान के इम्यून सिस्टम को चकमा देने माहिर है।चिंता की बात यह है कि इस वैरिएंट की एंट्री अब भारत में हो गई है। गुजरात में भी इस वैरिएंट का एक मामला सामने आया है। इसके चलते लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर लगातार बढ़ रही है। 

Friday, December 30, 2022

पी एम नरेंद्र मोदी की मां हीराबा पंचतत्व में विलीन, आज शुक्रवार तड़के 3:30 बजे यूएन मेहता अस्पताल में हुआ था निधन

पी एम नरेंद्र मोदी की मां हीराबा का आज शुक्रवार तड़के 3:30 बजे यूएन मेहता अस्पताल में निधन हो गयापी एम मोदी ने खुद ही निधन की जानकारी ट्वीट के जरिए दी।मां हीराबा 100 साल की थीं। मंगलवार देर रात सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें कफ की शिकायत भी थी।आज सुबह 9:26 बजे मां हीराबा पंचतत्व में विलीन हो गईं।मोदीजी ने उन्हें मुखाग्नि दी।अंतिम सफर के दौरान पी एम नरेंद्र मोदी  मां की पार्थिव देह कंधे पर लेकर गांधी नगर स्थित घर से निकले। यात्रा के दौरान मोदी जी शव वाहन में ही पार्थिव देह के करीब बैठे रहे। पी एम ने आज का अपना कोई तय कार्यक्रम रद्द नहीं किया। वह अंतिम संस्कार के बाद सीधे अहमदाबाद स्थित राजभवन गए।यहीं से राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में वर्चुअली जुटेंगे और प्रोजेक्ट्स की शुरुआत करेंगे।

PM मोदी ने ट्वीट कर दी माँ हीराबा के निधन की जानकारी 

PM मोदी ने ट्वीट कर हीराबा के निधन की जानकारी दी। शुक्रवार की सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर उन्होंने लिखा- शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम। मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।

मोदी ने आगे लिखा- मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से। हीराबा ने जून में ही अपना 99वां जन्मदिन मनाया था। प्रधानमंत्री मोदी उस समय उनसे मिलने आए थे। उस दौरान PM ने हीराबा के पैर धोकर पानी अपनी आंखों से लगाया था।


गृह मंत्री अमित शाह: ट्वीट किया- मां एक व्यक्ति के जीवन की पहली मित्र और गुरु होती है। जिसे खोने का दुख नि:संदेह संसार का सबसे बड़ा दुख है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा: लिखा- हीराबा जी का संघर्षपूर्ण व सात्विक जीवन सदैव प्रेरणादायक है, जिनके वात्सल्य व सत्यनिष्ठा से देश को यशस्वी नेतृत्व मिला। मां का जाना अपूरणीय क्षति है, इस रिक्तता की पूर्ति असंभव है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी: ट्वीट किया- एक पुत्र के लिए मां पूरी दुनिया होती है। मां का निधन पुत्र के लिए असहनीय और अपूरणीय क्षति होती है। PM मोदी जी की पूज्य माता का निधन अत्यंत दुखद है। प्रभु श्री राम दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें।


Monday, December 26, 2022

मध्यप्रदेश की पहचान अब तकनीकी प्रधान राज्य के रूप में भी होगी : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अभी तक मध्यप्रदेश को कृषि प्रधान प्रदेश के रूप में जाना जाता था। मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति लागू होने के बाद अब प्रदेश की पहचान तकनीकी प्रधान राज्य के रूप में भी होगी। प्रदेश में इस नीति को तत्परता के साथ लागू किया जायेगा। नीति को तैयार करने में वैज्ञानिकों के अमूल्य योगदान की मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सराहना की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज प्रशासन अकादमी भोपाल में मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति-2022 का विमोचन किया। उन्होंने नीति के उद्देश्यों एवं प्रमुख बिन्दुओं पर प्रकाश भी डाला। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस नीति के प्रमुख तीन उद्देश्य हैं। वैज्ञानिक सोच और समझ को दैनिक जीवन का अंग बनाना, सरकार और समाज में आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करना और नया सोचने, नया सीखने और नई पहल करने वाली पीढ़ी का निर्माण करना।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में विज्ञान का लोक व्यापीकरण किया जायेगा। इसके लिये सब मिल कर प्रयास करेंगे। जिज्ञासा बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण हमारी जिंदगी बदल देता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि इच्छा शक्ति हो, तो व्यक्ति बड़े से बड़ा काम कर सकता है। विज्ञान और आध्यात्म एक-दूसरे के सहयोगी हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में राज्य नवाचार कोष की स्थापना की जायेगी। भारतीय ज्ञान परम्परा को आगे बढ़ाने में विज्ञान और तकनीकी का पूरा उपयोग किया जायेगा। मध्यप्रदेश आध्यात्म और विज्ञान की दृष्टि से बहुत समृद्ध है। भारतीय कैलेण्डर अधिक सटीक और वैज्ञानिक है। मध्यप्रदेश का उज्जैन शहर प्राचीन काल-गणना का महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम आज के युग में डाटा की महत्वता समझते हैं। कोडिंग लेब, क्यूरोसिटी लेब के लिए प्रयास करेंगे। भारतीय ज्ञान परम्परा का प्रभावी उपयोग करेंगे। हम आध्यात्म और विज्ञान में अग्रणी रहे हैं। वैद्य नाड़ी देख कर ही बीमारी का पता कर लेते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत की 5 ट्रिलियन की इकॉनोमी में मध्यप्रदेा 550 बिलियन का योगदान करेगा।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि नये प्रयोगों से जन-सामान्य को सुविधाएँ पहुँचाई जा रही है। गाँव-गाँव तक विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाई जा रही है। प्रदेश के हर व्यक्ति का जीवन आनंदमय हो, इसके लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान लगातार प्रयासरत हैं। आने वाली पीढ़ी को टेक्नालॉजी के माध्यम से अच्छा वातावरण दे सकते हैं। प्रधानमंत्री जी ने "जय विज्ञान-जय अनुसंधान'' का नारा दिया है। इस दिशा में प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है। विज्ञान के प्रति जागरूकता को पूरे भारत में नंबर-1 पर लाने की कोशिश होगी।

प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री निकुंज रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में टेक्नालॉजी और नवाचार से ही सुशासन स्थापित किया जा सकता है। यह नीति मुख्यमंत्री श्री चौहान के विजन को प्रस्तुत करती है। अधिकाधिक छात्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी की पढ़ाई को चुनेंगे। निवेश, रोजगार बढ़ेगा और अर्थ-व्यवस्था सुदृढ़ होगी।

प्रो. रजत मोना ने कहा कि आज हम मध्यप्रदेश शासन के साथ एमओयू साइन कर रहे हैं, जिससे सेन्टर फॉर केपेसिटी बिलिंग की स्थापना होगी। भारत सरकार के वैज्ञानिक  सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने कहा कि यह पालिसी यूनिक है, जो बहुत कम स्टेट में है। इससे बहुत प्रभाव पड़ेगा। मध्यप्रदेश की साइंस इकोसिस्टम को सुदृढ़ करेगी। पॉलिसी महत्वपूर्ण विषयों का समावेश है, जो सराहनीय है।

 अटल बिहारी वाजपेयी नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश के लिए यह पॉलिसी महत्वपूर्ण कदम है। प्रदेश 550 बिलियन डॉलर का योगदान की भूमिका में साइंस एवं टेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इंडियन इन्स्टीटयूट ऑफ साइंस में प्रो. सूद का महत्वपूर्ण सराहनीय योगदान है। केपेसिटी बिल्डिंग कमीशन में बेहतर कार्य हो रहा है। टेक्नालॉजी कई क्षेत्रों में कार्य कर सकती है। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचे। मध्यप्रदेश में डिजिटल टेक्नालॉजी में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश तीसरा राज्य बन गया है।



पद्मविभूषण श्री विजय कुमार सारस्वत ने कहा कि साइंस टेक्नोलॉजी को हम महसूस कर रहे हैं। हमारे जीवन में साइंस- टेक्नालॉजी से सुधार हुआ है। साइंस को समाज के साथ जोड़ कर पूरा उपयोग किया जा सकता है। समाज की प्रगति के लिए साइंस का समाज के साथ जोड़ना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि इनोवेशन को आगे बढ़ायें। आज हमारी साइंस-टेक्नालॉजी को गति मिली है।

आईआईटी गांधीनगर और मध्यप्रदेश शासन के बीच एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। आईआईटी इंदौर से भी एमओयू हुआ। अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किए गए।

इंडियन आर्मी का नया हथियार , टैंक जोरावर

चीनी सेना के पास वैसे तो बहुत सारे टैंक हैं लेकिन उसके कुछ लाइट वेट टैंक पहाड़ों पर लड़ने में बहुत ही कारगर हैं इसी फैक्ट को ध्यान में रखते हुए इंडियन आर्मी भी एक नया लाइट वेट टैंक लेकर आयी है। यह टैंक है, टैंक जोरावर (Zorawar Light Tanks) यह लाइट वेट टैंक किसी भी सैन्य आपरेशनल जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा। चीन के खिलाफ हल्के-टैंक (light tanks) के लिए भारतीय सेना ने प्रोजेक्ट-जोरावर (Project Zorawar) शुरू किया है यह खास टैंक हजारों किलोमीटर की ऊंचाई पर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों सहित हर जगह और सभी मौसम में दुश्मन के दांत खट्टे कर सकता है इसकी सबसे बात यह है कि इस लाइट टैंक के प्रोजेक्ट का नाम जम्मू कश्मीर रिसायत के पूर्व कमांडर, जोरावर सिंह (Commander Zorawar Singh) के नाम रखा पर गया है। जोरावर सिंह ने 19वीं सदी में चीनी सेना को हराकर तिब्बत में अपना परचम लहराया था  इस मेक-इन-इंडिया टैंक (Make in India Tank) जोरावर का वजन करीब 25 टन है  जबकि भारतीय सेना के पास फिलहाल जो टैंक हैं वे प्लेन्स और रेगिस्तान के लिए हैं। रूसी T-72 हो या फिर T-90 या फिर स्वदेशी अर्जुन टैंक ये सभी टैंक 45-70 टन के हैं  जोरावर टैंक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन एकीकरण, एक सक्रिय सुरक्षा प्रणाली, मिसाइल सिस्टम और मुख्य तोपों सहित अन्य प्रणालियां भी हैं  खबरों के मुताबिक, भारतीय सेना जल्द ही रक्षा मंत्रालय से लाइट टैंक लेने की मंजूरी लेने वाली है  



Saturday, December 24, 2022

मंगलवार को चीन में एक दिन में आये कोरोना के 3 करोड़ 70 लाख नए केस

चीन में कोरोना पीड़ितों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैहालात इस कदर बेक़ाबू हो गए हैं कि सड़कों पर रस्सी बांधकर लोगों को ड्रिप चढ़ाई जा रही है।ब्लूमबर्ग ने चीन की नेशनल हेल्थ कमीशन के हवाले से बताया है कि मंगलवार को यहां एक दिन में 3 करोड़ 70 लाख केसेस सामने आए थे। हालांकि, सरकारी आंकड़ों में इस दिन सिर्फ 3 हजार केस ही बताए गए। रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने के शुरुआती 20 दिनों में 24 करोड़ 80 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसके पहले जनवरी में एक दिन में 40 लाख कोरोना मरीज मिले थे।  

Thursday, December 22, 2022

आज से देश में लागू होंगी Covid रिलेटेड पाबंदियाँ : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया

कोविड को लेकर देश में आज से, यानी गुरुवार से ही पाबंदी शुरू होने वाली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हम लापरवाह नहीं हो सकते, तत्काल एक्शन लेना होगा।

भास्कर को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मांडविया ने बताया कि चीन की हालत तो बेहद खराब है। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि पिछली बार भी हमने बाकी देशों के मुकाबले कोविड को बेहतर तरीके से हैंडल किया था। हमारे पास अनुभव है इसलिए इस बार भी अच्छे से हैंडल कर लेंगे।

उन्होंने कहा कि चीन में श्मशानों में भीड़ है। दूसरी लहर में भी भारत की स्थिति इतनी खराब नहीं हुई थी, जितनी चीन की अब हो गई है। वहां जिस वायरस ने कहर बरपाया है, वो और ज्यादा खतरनाक हो रहा है।



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