Monday, December 26, 2022

मध्यप्रदेश की पहचान अब तकनीकी प्रधान राज्य के रूप में भी होगी : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अभी तक मध्यप्रदेश को कृषि प्रधान प्रदेश के रूप में जाना जाता था। मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति लागू होने के बाद अब प्रदेश की पहचान तकनीकी प्रधान राज्य के रूप में भी होगी। प्रदेश में इस नीति को तत्परता के साथ लागू किया जायेगा। नीति को तैयार करने में वैज्ञानिकों के अमूल्य योगदान की मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सराहना की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज प्रशासन अकादमी भोपाल में मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति-2022 का विमोचन किया। उन्होंने नीति के उद्देश्यों एवं प्रमुख बिन्दुओं पर प्रकाश भी डाला। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस नीति के प्रमुख तीन उद्देश्य हैं। वैज्ञानिक सोच और समझ को दैनिक जीवन का अंग बनाना, सरकार और समाज में आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करना और नया सोचने, नया सीखने और नई पहल करने वाली पीढ़ी का निर्माण करना।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में विज्ञान का लोक व्यापीकरण किया जायेगा। इसके लिये सब मिल कर प्रयास करेंगे। जिज्ञासा बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण हमारी जिंदगी बदल देता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि इच्छा शक्ति हो, तो व्यक्ति बड़े से बड़ा काम कर सकता है। विज्ञान और आध्यात्म एक-दूसरे के सहयोगी हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में राज्य नवाचार कोष की स्थापना की जायेगी। भारतीय ज्ञान परम्परा को आगे बढ़ाने में विज्ञान और तकनीकी का पूरा उपयोग किया जायेगा। मध्यप्रदेश आध्यात्म और विज्ञान की दृष्टि से बहुत समृद्ध है। भारतीय कैलेण्डर अधिक सटीक और वैज्ञानिक है। मध्यप्रदेश का उज्जैन शहर प्राचीन काल-गणना का महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम आज के युग में डाटा की महत्वता समझते हैं। कोडिंग लेब, क्यूरोसिटी लेब के लिए प्रयास करेंगे। भारतीय ज्ञान परम्परा का प्रभावी उपयोग करेंगे। हम आध्यात्म और विज्ञान में अग्रणी रहे हैं। वैद्य नाड़ी देख कर ही बीमारी का पता कर लेते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत की 5 ट्रिलियन की इकॉनोमी में मध्यप्रदेा 550 बिलियन का योगदान करेगा।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि नये प्रयोगों से जन-सामान्य को सुविधाएँ पहुँचाई जा रही है। गाँव-गाँव तक विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाई जा रही है। प्रदेश के हर व्यक्ति का जीवन आनंदमय हो, इसके लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान लगातार प्रयासरत हैं। आने वाली पीढ़ी को टेक्नालॉजी के माध्यम से अच्छा वातावरण दे सकते हैं। प्रधानमंत्री जी ने "जय विज्ञान-जय अनुसंधान'' का नारा दिया है। इस दिशा में प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है। विज्ञान के प्रति जागरूकता को पूरे भारत में नंबर-1 पर लाने की कोशिश होगी।

प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री निकुंज रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में टेक्नालॉजी और नवाचार से ही सुशासन स्थापित किया जा सकता है। यह नीति मुख्यमंत्री श्री चौहान के विजन को प्रस्तुत करती है। अधिकाधिक छात्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी की पढ़ाई को चुनेंगे। निवेश, रोजगार बढ़ेगा और अर्थ-व्यवस्था सुदृढ़ होगी।

प्रो. रजत मोना ने कहा कि आज हम मध्यप्रदेश शासन के साथ एमओयू साइन कर रहे हैं, जिससे सेन्टर फॉर केपेसिटी बिलिंग की स्थापना होगी। भारत सरकार के वैज्ञानिक  सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने कहा कि यह पालिसी यूनिक है, जो बहुत कम स्टेट में है। इससे बहुत प्रभाव पड़ेगा। मध्यप्रदेश की साइंस इकोसिस्टम को सुदृढ़ करेगी। पॉलिसी महत्वपूर्ण विषयों का समावेश है, जो सराहनीय है।

 अटल बिहारी वाजपेयी नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश के लिए यह पॉलिसी महत्वपूर्ण कदम है। प्रदेश 550 बिलियन डॉलर का योगदान की भूमिका में साइंस एवं टेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इंडियन इन्स्टीटयूट ऑफ साइंस में प्रो. सूद का महत्वपूर्ण सराहनीय योगदान है। केपेसिटी बिल्डिंग कमीशन में बेहतर कार्य हो रहा है। टेक्नालॉजी कई क्षेत्रों में कार्य कर सकती है। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचे। मध्यप्रदेश में डिजिटल टेक्नालॉजी में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश तीसरा राज्य बन गया है।



पद्मविभूषण श्री विजय कुमार सारस्वत ने कहा कि साइंस टेक्नोलॉजी को हम महसूस कर रहे हैं। हमारे जीवन में साइंस- टेक्नालॉजी से सुधार हुआ है। साइंस को समाज के साथ जोड़ कर पूरा उपयोग किया जा सकता है। समाज की प्रगति के लिए साइंस का समाज के साथ जोड़ना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि इनोवेशन को आगे बढ़ायें। आज हमारी साइंस-टेक्नालॉजी को गति मिली है।

आईआईटी गांधीनगर और मध्यप्रदेश शासन के बीच एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। आईआईटी इंदौर से भी एमओयू हुआ। अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किए गए।

इंडियन आर्मी का नया हथियार , टैंक जोरावर

चीनी सेना के पास वैसे तो बहुत सारे टैंक हैं लेकिन उसके कुछ लाइट वेट टैंक पहाड़ों पर लड़ने में बहुत ही कारगर हैं इसी फैक्ट को ध्यान में रखते हुए इंडियन आर्मी भी एक नया लाइट वेट टैंक लेकर आयी है। यह टैंक है, टैंक जोरावर (Zorawar Light Tanks) यह लाइट वेट टैंक किसी भी सैन्य आपरेशनल जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा। चीन के खिलाफ हल्के-टैंक (light tanks) के लिए भारतीय सेना ने प्रोजेक्ट-जोरावर (Project Zorawar) शुरू किया है यह खास टैंक हजारों किलोमीटर की ऊंचाई पर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों सहित हर जगह और सभी मौसम में दुश्मन के दांत खट्टे कर सकता है इसकी सबसे बात यह है कि इस लाइट टैंक के प्रोजेक्ट का नाम जम्मू कश्मीर रिसायत के पूर्व कमांडर, जोरावर सिंह (Commander Zorawar Singh) के नाम रखा पर गया है। जोरावर सिंह ने 19वीं सदी में चीनी सेना को हराकर तिब्बत में अपना परचम लहराया था  इस मेक-इन-इंडिया टैंक (Make in India Tank) जोरावर का वजन करीब 25 टन है  जबकि भारतीय सेना के पास फिलहाल जो टैंक हैं वे प्लेन्स और रेगिस्तान के लिए हैं। रूसी T-72 हो या फिर T-90 या फिर स्वदेशी अर्जुन टैंक ये सभी टैंक 45-70 टन के हैं  जोरावर टैंक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन एकीकरण, एक सक्रिय सुरक्षा प्रणाली, मिसाइल सिस्टम और मुख्य तोपों सहित अन्य प्रणालियां भी हैं  खबरों के मुताबिक, भारतीय सेना जल्द ही रक्षा मंत्रालय से लाइट टैंक लेने की मंजूरी लेने वाली है  



Saturday, December 24, 2022

मंगलवार को चीन में एक दिन में आये कोरोना के 3 करोड़ 70 लाख नए केस

चीन में कोरोना पीड़ितों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैहालात इस कदर बेक़ाबू हो गए हैं कि सड़कों पर रस्सी बांधकर लोगों को ड्रिप चढ़ाई जा रही है।ब्लूमबर्ग ने चीन की नेशनल हेल्थ कमीशन के हवाले से बताया है कि मंगलवार को यहां एक दिन में 3 करोड़ 70 लाख केसेस सामने आए थे। हालांकि, सरकारी आंकड़ों में इस दिन सिर्फ 3 हजार केस ही बताए गए। रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने के शुरुआती 20 दिनों में 24 करोड़ 80 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसके पहले जनवरी में एक दिन में 40 लाख कोरोना मरीज मिले थे।  

Thursday, December 22, 2022

आज से देश में लागू होंगी Covid रिलेटेड पाबंदियाँ : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया

कोविड को लेकर देश में आज से, यानी गुरुवार से ही पाबंदी शुरू होने वाली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हम लापरवाह नहीं हो सकते, तत्काल एक्शन लेना होगा।

भास्कर को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मांडविया ने बताया कि चीन की हालत तो बेहद खराब है। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि पिछली बार भी हमने बाकी देशों के मुकाबले कोविड को बेहतर तरीके से हैंडल किया था। हमारे पास अनुभव है इसलिए इस बार भी अच्छे से हैंडल कर लेंगे।

उन्होंने कहा कि चीन में श्मशानों में भीड़ है। दूसरी लहर में भी भारत की स्थिति इतनी खराब नहीं हुई थी, जितनी चीन की अब हो गई है। वहां जिस वायरस ने कहर बरपाया है, वो और ज्यादा खतरनाक हो रहा है।



Tuesday, December 20, 2022

आजादी के अमृत महोत्सव में संस्कृति के विभिन्न स्वरूपों का होगा एकीकरण

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि आजादी के 75 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव माना जा रहा है। इसी क्रम में अमृत कलोत्सव 2022-23 में भारत की विविध और गौरवपूर्ण सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का एकीकरण होगा। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल रंगश्री लिटिल बैले थिएटर ऑटीटोरियम में अमृत कलोत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत उज्जवल भविष्य की दिशा में दृढ़ता से आगे कदम बढ़ा रहा है। अपने गौरवशाली इतिहास एवं उपलब्धियों का जश्न मनाने का यही सबसे आदर्श समय और अवसर है। किसी भी देश के उत्कर्ष के लिये आर्थिक, राजनीतिक और सामरिक विकास के साथ सांस्कृतिक समृद्धि भी जरूरी है, जिसमें देश की विविध कलाऍं अपना योगदान देती है। कला-संस्कृति मानवता का पाठ पढ़ाती है। सांस्कृतिक कलाएँ हमारे अंदर के उत्कृष्ट गुणों से हमारा साक्षात्कार कराती हैं।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि संगीत नाटक अकादमी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव पर पूरे देश में 75 कलोत्सव का आयोजन किया जायेगा। इसमें देश की सांस्कृतिक विविधता के दर्शन होंगे। यह गौरव की बात है कि चैन्नई एवं इंफाल के बाद भोपाल में यह कलोत्सव हो रहा है। मध्यप्रदेश सांस्कृति रूप से समृद्ध राज्य है, यहाँ लोक कलाओं से लेकर शास्त्रीय कलाओं की समृद्ध धरोहर है।

संचालक संस्कृति श्री अदिति कुमार त्रिपाठी ने संगीत नाटक अकादमी द्वारा मध्यप्रदेश में आयोजित अमृत कलोत्सव की जानकारी दी। अध्यक्ष संगीत नाटक अकादमी डॉ. संध्या पुरेचा ने संगीत नाटक अकादमी के अमृत महोत्सव के दौरान देश में किये जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी दी।

कलोत्सव में देश से आये विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा आकर्षक प्रस्तुतियाँ दी गईं।

स्कूली शिक्षा में "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" पढ़ाने वाला मप्र देश में पहला राज्य : राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) श्री परमार

राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) श्री इन्दर सिंह परमार ने आज मंत्रालय में मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित ईएफए (एजुकेशन फॉर ऑल) स्कूलों में प्रारंभ किए गए "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" विषय की कक्षा 8वीं एवं कक्षा 9वी की पुस्तकों का विमोचन किया। श्री परमार ने कहा कि मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित प्रदेश में कुल 53 स्कूलों में "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" विषय प्रारंभ किया गया है। इसे फिलहाल कक्षा 8वीं एवं 9वीं के विद्यार्थियों के लिए प्रारंभ किया गया है। राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा इन स्कूलों में 40 आधुनिक कंप्यूटर्स की इंटरनेट युक्त प्रयोगशाला भी स्थापित की गई हैं।

म.प्र. में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षा विभाग दृढ़ संकल्पित है, इसके लिए आधुनिक तकनीकी विषयों के समावेश एवं अनुप्रयोग पर जोर दिया जा रहा है। श्री परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जहां ईएफए(एजुकेशन फॉर ऑल) विद्यालयों में कक्षा आठवीं और नौवीं में "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" की कुल 240 घंटो की क्लास के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। सर्वसुविधायुक्त कंप्यूटर लैब की उपलब्धता से इस विषय की पढ़ाई में विद्यार्थियों को सुगमता हो रही है।

"आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस" जैसी नवीनतम तकनीक के साथ भारत को विश्व के समक्ष खड़े करने के लिए विद्यार्थियों को इसका रचनात्मक प्रयोग और मानव कल्याण की दिशा में उपयोग करना सिखाया जा रहा है, जिसमें यह पाठ्यक्रम अति उपयोगी साबित होगा। प्रदेश के स्कूली बच्चे इसे पढ़कर "भावनाओं की परख" करना सीख रहे हैं।

निदेशक राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड श्री प्रभात राज तिवारी, सहायक निदेशक राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड श्री आर के वैद्य उपस्थित थे।

Saturday, December 17, 2022

भोपाल ने फिर से पेश की मिसाल, रात एक बजे ट्रेन में ऑक्सीजन सिलेंडर पहुँचाकर बचायी यात्री की जान

दिनांक 16 दिसंबर 2022 की मध्य रात्रि को हमारे भोपाल वासियों ने कुछ ऐसा किया कि जिसे सुनकर प्रत्येक भोपाल निवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जायेगा। दरअसल 15-16 दिसंबर 2022 लेट नाईट लगभग 01 बजे रायपुर से दिल्ली जाने वाली ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस में बैठे अटेंडर धीरज ने रेलवे के कमर्शियल कंट्रोल रूम को जानकारी दी कि उनके साथ एक ब्रेन हेमरेज के मरीज हैं, जिनकी उम्र लगभग 40 वर्ष है और उन्हें शिफ्ट करने के लिए दिल्ली एम्स ले जाया जा रहा है। परंतु नागपुर पहुँचने  के पहले ही उनका ऑक्सीजन लेवल अचानक से बहुत तेज़ी से नीचे गिरने लगा और मरीज की हालत गंभीर हो गई और इसी बात को ध्यान रखते हुए डॉक्टर ने सलाह दी कि उन्हें सिलेंडर की आवश्यकता है। रेलवे "उप स्टेशन प्रबंधक बड़िज्य" जावेद अंसारी जी के द्वारा एनजीओ सी पी एच डी हेल्थ केयर फाउंडेशन को संपर्क किया गया, और ऑक्सीजन सिलेंडर, फ्लो मीटर एवं मास्क की व्यवस्था करवाने का आग्रह किया। 


एनजीओ सी पी एच डी  तुरंत ही एक्टिव हो गया 

एनजीओ के मेंबर्स तुरन्त ही एक्टिव हो गए और एनजीओ से वाइस चेयरमैन अभिषेक मकवानी ने तुरंत अपनी टीम के चेयरमैन मोहम्मद वसीम रजा और फाउंडर सागर जैन के साथ मिलकर पीर गेट वाले चिरायु अस्पताल भोपाल पोहुचे और वहां से अरुण गोयनका जी एवं हरीश उदासी जी की तत्काल मदद द्वारा एक जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर टीम सीपीएचडी को उपलब्ध हुआ। टीम सीपीएचडी के द्वारा ऑक्सिजन सिलेंडर भोपाल रेलवे स्टेशन तक ले जाया गया। जब भोपाल स्टेशन पर पहुंचे तो यहां पर पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर की टीम के साथ साथ पुलिस सहयोगी दल भी मौजूद रहा। सीपीएसडी एनजीओ इस तरह से कई लोगों की मदद करती आई है, 1 अप्रैल 2022 में भी 24 दिन के बच्चे को जब ऑक्सीजन की आवश्यकता थी तब भी सी पी एच डी टीम ने आधी रात में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाया था, इस काम की प्रशंसा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी की थी। मैसेज मिलते ही लोगों के साथ भोपाल जिला प्रशासन और स्वस्थ्य विभाग के अफसर भी अलर्ट हो गए। उन्होंने अपने अधीनस्थ अमले और अस्पतालों को मदद पहुंचाने के लिए निर्देशित किया। ट्रेन भोपाल आने से पहले ही अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर कर्मचारी रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे।


रेलवे स्टाफ ने भी दिखाई तत्परता 

रेलवे स्टाफ ने भी तत्परता दिखाई और अपनी रेस्पॉन्सिबिल्टी को निभाते हुए पेशेंट की हर संभव मदद कीरेलवे डॉक्टर की टीम पैरामेडिकल स्टाफ के साथ-साथ पुलिस सहयोगी दल भी स्टेशन पर मौजूद रहा। गाड़ी के भोपाल स्टेशन पर पहुंचने पर मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया। जब ऑक्सीजन सिलेंडर मरीज के परिजनों को दिया गया तो मरीज के परिजन भावुक हो उठे और उन्होंने भोपाल को धन्यवाद कहा।आज रात भी जब ऑक्सीजन सिलेंडर मरीज के परिजनों को दिया गया तो मरीज के परिजन भावुक हो उठे और उन्होंने भोपाल को धन्यवाद कहा।

(नर्मदा प्रदेश भोपाल के ऐसे बेटों को सैल्यूट करता है।)

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