केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) के लिए 22,810 करोड़ रुपए के खर्च को मंजूरी दी। ABRY का मकसद कोरोनावायरस महामारी के बीच कंपनियों को नई बहाली करने के लिए प्रोत्साहित करना है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज-3 के तहत कोरोनावायरस रिकवरी फेज के दौरान फॉर्मल सेक्टर में नौकरी बढ़ाने और नए रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए ABRY को मंजूरी दी। कैबिनेट ने इस कारोबारी साल के लिए 1,584 करोड़ रुपए और पूरी योजना अवधि 2020-2023 के लिए 22,810 करोड़ रुपए के खर्च को मंजूरी दी है। श्रम मंत्रालय ने कहा कि लाखों कर्मचारियों को ABRY का फायदा मिलेगा। कैबिनेट फैसले के बाद श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि योजना के तहत 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 तक नए कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में सरकार 2 साल तक सब्सिडी देगी।
Wednesday, December 9, 2020
Monday, December 7, 2020
HDFC बैंक में आई कई रुकावटों से बैंक की क्रेडिट पर पड़ेगा निगेटिव असर, दूसरे बैंकों के पास शिफ़्ट हो सकते हैं ग्राहक l
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार को कहा कि HDFC बैंक में आई कई रुकावटों के कारण इसकी क्रेडिट पर निगेटिव असर पड़ेगा। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि बार-बार होने वाली इन घटनाओं से बैंक के रेवेन्यू पर भी असर पड़ेगा और ग्राहक दूसरे बैंकों के पास जा सकते हैं। बार-बार की रुकावटों के कारण तेजी से बढ़ते डिजिटल ग्राहक आधार के बीच बैंक की ब्रांड परसेप्शन को नुकसान हो सकता है।
Thursday, December 3, 2020
समाज को सिर्फ शिक्षा ही नहीं देता शिक्षक.....
वॉलंटियर नहीं मिल रहे, तो मैं टीके का ट्रायल कराने को तैयार: गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा
वैक्सीन के ट्रायल को लेकर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 'अगर वैक्सीन लगवाने के लिए वॉलंटियर नहीं मिल रहे हैं, तो मैं वॉलंटियर बनने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि हम जैसे लोग वैक्सीन के लिए आगे आएंगे, तभी दूसरे लोग भी प्रेरित होंगे। इस बारे में आज ही डॉक्टर्स से बात करूंगा।' गृहमंत्री उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें पीपुल्स में चल रहे ट्रायल को लेकर वॉलंटियर्स के नहीं मिलने की बात कही गई थी। असल में, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में चल रहे ट्रायल की रफ्तार धीमी है। यहां एक हफ्ते में कुल 45 लोगों ने ही टीका लगवाया है, जबकि यहां पर एक से दो हजार लोगों पर ट्रायल किया जाना है। बता दें कि भोपाल के निजी मेडिकल कॉलेज में वैक्सीन ट्रायल किया जा रहा है, इसे लेकर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि भोपाल में कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं। भोपाल के लोग दिलचस्पी दिखाएं, तो वैक्सीन का ट्रायल ठीक से हो जाए।
बुजुर्गों की देखभाल के लिये मोदी सरकार खोलेगी सभी राज्यों में ट्रेनिंग सेंटर l
बुजुर्गों की देश में तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार अब उनकी देखभाल को लेकर और भी ज्यादा फिक्रमंद है। यही वजह है कि इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को अब वह प्रशिक्षित करने की तैयारी में जुट गई है। फिलहाल इसे लेकर देश भर में रीजनल रिसोर्स और ट्रेनिंग सेंटर (आरआरटीसी) खोलने का फैसला लिया है। पहले चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, पुंडुचेरी और चंडीगढ़ शामिल हैं। फिलहाल राज्यों को यह प्रस्ताव 15 दिसंबर तक देने हैं। सहित दर्जन भर से ज्यादा राज्यों से इसे लेकर प्रस्ताव मांगे गए है। मौजूदा समय में देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों की संख्या करीब 14 करोड़ के आसपास है। जिसके वर्ष 2026 तक 17 करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक आरआरटीसी का मकसद देश भर में बुजुर्गों को उनसे जुड़ी योजनाओं का पूरा लाभ दिलाना और बेहतर देखभाल करना है। इसके लिए इस क्षेत्र में काम रहे स्वयंसेवी संगठनों को अब इस लिहाज से तैयार किया जाएगा, कि वह बुजुर्गों की देखभाल और बेहतर तरीके से कर सकेंगे। वैसे भी मौजूदा समय में देश में बुजुर्गों की देखभाल के लिए काम कर रहे ज्यादातर संगठनों के पास कोई तकनीकी प्रशिक्षण नहीं है।आरआरटीसी के जरिए इस क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान सभी संगठनों के लिए बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए साधन और चिकित्सीय सुविधा जुटाने पर सबसे ज्यादा फोकस होगा। इसके साथ ही सभी वृद्धाश्रमों में इस तरह की सुविधाएं जुटाने पर जोर रहेगा, जहां उनके लिए चिकित्सीय सुविधाएं अनिवार्य रूप से मौजूद हो। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक आरआरसीटी के जरिए मनोवैज्ञानिक और तकनीकी दोनों तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि इस क्षेत्र में काम करने वाले लोग बुजुर्गों की भावनाओं को बेहतर तरीके से समझने के साथ ख्याल भी रखा जा सके। देश के सभी राज्यों में आरआरटीसी खोलने का यह फैसला पहले से कई राज्यों में चल रहे इन सेंटरों की उपयोगिता को देखते हुए लिया गया है। हालांकि अब तक इनकी संख्या काफी कम है। जिसे बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
Wednesday, December 2, 2020
अनूठी पहल, स्व-सहायता समूह की महिलाओं को उपलब्ध कराया गया स्टाल l
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में अहम भूमिका निभा रही स्व-सहायता समूह की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शासन-प्रशासन द्वारा निरंतर बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में होशंगाबाद जिले में अनूठी पहल करते हुए कलेक्टर होशंगाबाद श्री धनंजय सिंह के निर्देशन में स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादों के विक्रय को बढ़ावा देने के लिये कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में स्टाल उपलब्ध करवाया गया है। कलेक्टर श्री धनंजय सिंह ने बुधवार 2 दिसंबर को कलेक्ट्रेट परिसर में स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लगाए गए विक्रय स्टॉल का भ्रमण किया एवं समूह की महिलाओं से चर्चा कर, निर्मित उत्पादों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने समूह द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की एवं अन्य शासकीय कार्यालयों में भी समूह के स्टाल लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री धनंजय सिंह ने जिला पंचायत सीईओ एवं जिला प्रबंधक आजीविका मिशन को निर्देशित किया कि स्व-सहायता समूह की महिलाओं की आजीविका को सुदृढ़ करने के लिये बैंक लिंकेज बढ़ाएं। स्कूल यूनिफार्म बनाने का कार्य बड़े पैमाने पर समूह की महिलाओं को दें एवं इसके बेहतर क्रियान्वयन हेतु मैदानी स्तर पर लगातार निगरानी की जाए। समूह की महिलाओं को मार्केट लिंकेज, नॉलेज लिंकेज और बैंक लिंकेज की जानकारी देते हुए लाभान्वित करने के प्रयास करें। ग्राम जासलपुर के सरस्वती स्व-सहायता समूह एवं आजीविका स्टोर संचालन कर रही संगीता कटारे ने बताया की कलेक्टर परिसर में आजीविका स्टोर लगाने से हमारे स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाये गए उत्पादो की अच्छी बिक्री हो पा रही है, साथ ही हमारे उत्पादों को पहचान भी मिल रही है। इसके लिए उन्होंने शासन-प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है। आजीविका मिशन जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि स्व-सहायता समूहों के लोकल उत्पादों को आमजन द्वारा पसन्द किया जा रहा है, इन उत्पादों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं।
जल्द बिकने वाली है अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल, खरीदने के लिए छह कंपनियों ने लगाई बोली l
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को कर्ज देने वाली कंपनियों ने इसकी बिक्री की तैयारी शुरू कर दी है l इन कंपनियों को रिलायंस कैपिटल में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी रखने वाली छह कंपनियों की बोलियां मिली हैं l कंपनियां रिलायंस कैपिटल के इंश्योरेंस बिजनेस, एसेट री-कंस्ट्रक्शन और सिक्योरिटीज ब्रोकरेज में हिस्सेदारी खरीदेंगी l कमोडिटी एक्सचेंज में रिलायंस कैपिटल की एक हिस्सेदारी को भी ये कंपनियां खरीदेंगीं l बिक्री से मिले पैसे से कर्जदाता बैंक अपने कर्ज की रिकवरी करेंगे l बैंकों ने कहा है कि रिलायंस कैपिटल की हिस्सेदारी खरीदने के लिए स्ट्रेटजिक और फाइनेंशियल इनवेस्टर की ओर से दिलचस्पी दिखाई गई है l बैंकों को कम से कम छह ऐसे प्रस्ताव मिले हैं l रिलायंस कैपिटल ने हाल में स्टॉक एक्सचेंजों को एक सूचना भेज कर रहा है कि अगस्त, 2020 में इस पर 19,805 करोड़ रुपये का कर्ज है l कंपनी का 93 फीसदी कर्ज बॉन्ड के तौर पर हैं, जो कंपनी ने जारी किए थे l
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